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जेल से छूटने के बाद राजीव गांधी के हत्यारिन नलिनी की पहली प्रतिक्रिया- “मैं आतंकवादी नहीं हूं”

नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को बरी कर दिया, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लोग उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन को याद कर रहे हैं जिस दिन पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या हुई थी। ...

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Priyanka

नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को बरी कर दिया, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लोग उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन को याद कर रहे हैं जिस दिन पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या हुई थी। तारीख 21 मई 1991 और समय रात 10:21 बजे था। तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में थे और उनके सम्मान में एक गीत गाया जा रहा था, जिसका अर्थ था – “राजीव का जीवन हमारा जीवन है क्योंकि यदि यह जीवन इंदिरा गांधी के पुत्र को समर्पित नहीं है, तो इस जीवन क्या मूल्य है? ।जो यह गीत गा रही थी वह लगभग 30 वर्ष की थी, कद में छोटी, सांवला रंग। चंदन का हार लेकर धनु नाम की एक लड़की राजीव गांधी के पास चली गई, उनके पैर छूने के लिए झुकी और जैसे ही वह झुकी, एक जोरदार धमाका हुआ।

इस धमाके की गूंज दूर दूर तक सुनाई दी और हर कोई दंग रह गया, इस धमाके में राजीव गांधी के शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए थे. एक तरफ लूटो कंपनी के जूते का पैर, दूसरी तरफ गुच्ची घड़ी पहने हाथ का टुकड़ा, दिल दहला देने वाला नजारा। जूता-घड़ी आदि की मदद से ही राजीव गांधी के शव की शिनाख्त हो पाई थी। भारी विस्फोट में तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी और मानव बम धनु सहित लगभग 18 लोग मारे गए थे, जबकि कुछ अन्य रिपोर्टों ने संख्या 20-21 बताई जा रही थी।

राजीव गांधी की हत्या की साजिश के पीछे आतंकवादी समूह LTTE था और मानव बम धनु इस साजिश का हिस्सा थी, और LTTE प्रमुख प्रभाकरण सहित कई लोग शामिल थे। मामले में सात लोगों को दोषी ठहराया गया था, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने उनमें से 6 को बरी कर दिया, जबकि एक सजायाफ्ता पेरारिवलन को 18 मई को ही रिहा करने का आदेश दिया है| 30 साल की सजा काटने के बाद सभी दोषियों ने रिहाई के लिए अर्जी दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. रिहाई के बाद नरसंहार में शामिल नलिनी ने अपना पहला बयान देते हुए कहा है कि वह आतंकवादी नहीं है।

नलिनी ने क्या कहा

जेल से छूटने के बाद एक चैनल से बात करते हुए नलिनी ने कहा- मैं जानती हूं, मैं आतंकी नहीं हूं, इतने सालों से जेल में हूं, मेरे लिए बहुत मुश्किल वक्त था. मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने ऐसी स्थिति में मेरा समर्थन किया, मैं तमिलनाडु के लोगों और सभी वकीलों को मुझ पर विश्वास करने के लिए धन्यवाद देता हूं।

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