जिला स्त्रोत समन्वयक और सहायक परियोजना समन्वयक की भर्ती विवादों में घिरती जा रही है, नित नये कारनामें सामने आ रहे हैं लेकिन जांच करने की बजाये सर्व शिक्षा अभियान की डीपीसी ने सब ठीक है नारा बुलंद कर दिया॥ स्कूल की अन्य सामग्री बिना किसे के पत्राचार के ही बेच दी गई और फिर कार्यवाही भी हुई लेकिन चयन समिति ने क्लीन चिट देते हुए साहब को एपीसी के पद से नवाज दिया॥ जानकारी है कि नये एपीसी के पद पदस्थ हुए गफ्फार खान का पुराना कारनामा सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में गफ्फार खान पदस्थ रहे, जिन पर कृपा करते हुए करकेली में बीईओ के पद पर पदस्थ कर दिया गया, लेकिन श्री खान ने एक सप्ताह में ही कारनामा कर दिया और वहां की सामग्री बेच डाली, वह भी बिना किसी से पत्राचार के, जिसका मामला सामने आने के बाद इन्हें एक सप्ताह में ही वहां से हटा दिया गया, जहां से गफ्फार खान को ददरी स्कूल में पदस्थ कर दिया गया और अब बिना किसी शर्त के जनाब को एपीसी का पद बिना मेहनत के दे दिया गया॥
नियुक्ति में लेनदेन की सुगबुगाहट
अपुष्ट सूत्रों से जानकारी है कि बीआरसी और एपीसी की नियुक्ति को लेकर भले ही संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही हुई हो या जांच प्रचलित हो या फिर न्यायालय में प्रकरण हो, इन सब बिंदुओं से चयन समिति को कोई लेना देना नही था और बीआरसी, एपीसी की नियुक्ति कर दी गई जबकि राज्य शिक्षा केन्द्र ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी क्षमा योग्य नही होगी और अगर ऐसा होता है तो इसकी समस्त जिम्मेदारी जिला परियोजना समन्वयक की होगी लेकिन डीपीसी ने तो दो टूक में कह दिया कि सब सही है और हमने जो किया वह नियम से किया॥ हालांकि सूत्रों से जानकारी है कि इन महत्वपूर्ण पदों को पाने के लिए टेबल के नीचे से लेनदेन किया गया है, जो अब धीरे धीरे सामने आने लगा है॥ बहरहाल पूर्व कलेक्टर को अंधेरे में रखते हुए चयन समिति में मन मुताबिक पदों को रेवड़ी की तरह बांट दिया