ताजा मामला मध्यप्रदेश के आदिवासी जिले उमरिया का है। जहाँ जिला मुख्यालय उमरिया से महज कुछ ही दूर पर ग्राम पंचायत अमड़ी के ग्राम दुलहरी में दफन किए गए दो नाबालिग बच्चियों के शव को एसडीएम बांधवगढ़ से अनुमति प्राप्त कर उमरिया पुलिस ने कब्र खुदवाकर शव बाहर निकाला है। और पीएम की कार्यवाही की गई है। पुलिस और प्रशासनिक कार्यवाही के झमेले से बचने के लिए परिजनों ने दो बच्चियों की मौत के बाद दफना कर मामले से इतिश्री कर ली थी।
पूरे मामले की जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमरिया प्रतिपाल सिंह महोबिया ने बताया कि कल शाम को हमको सूचना मिली कि ग्राम दुलहरी में दो बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है।और दोनों बच्चियों का शव दफना दिया गया है।सूचना मिलते ही देर शाम पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुँचकर पूछताछ की है।घटना के संबंध में कुछ लोगो के द्वारा संदेह भी व्यक्त किया गया है।ईसी कारण एसडीएम बांधवगढ़ से परमिशन प्राप्त करने के बाद तहसीलदार के साथ साथ पुलिस और डॉक्टर्स की टीम यहां पहुची है। दोनों शव को निकाल कर पीएम की कार्यवाही की गई है।पीएम रिपोर्ट आने के बाद घटना के असल कारणों का पता चल पाएगा।
वही सुभद्रा बैगा के पिता बाबू बैगा ने कहा कि मैं जंगल लकड़ी लेने चला गया था।जब मैं जंगल से लौट रहा था तो घर के पासपास हल्ला गुहार मचा हुआ था।मैं भी दौड़ते हुए पहुँचा मेरी बेटी सुभद्रा बैगा के शव को उठा कर घर लाया गया।मैंने अपनी बेटी को पानी मे डूबते हुए नही देखा सिर्फ मुझे बताया गया है कि सुभद्रा की मौत पानी मे डूबने से हुई है।मेरे बेटे ने रोते हुए मुझे बताया था।गाँव और रिश्तेदारों ने कहा कि पुलिस को सूचना दोगे तो झमेले में फस जागोगे इसी लिए हमने कोई भी सूचना पुलिस को नही दी थी।पुलिस की कार्यवाही के भय से हमने सूचना नही दी।
वहीं घटना की जानकारी देते हुए मृतिका शीतल बैगा के पिता रवि बैगा ने बताया कि मैंने अपनी बेटी को तालाब में नही पाया।गाँववालो और बच्चों के द्वारा बताए जाने के आधार पर मुझे पता चला कि मेरी बेटी तालाब में डूबकर खत्म हो गई है।पुलिस की कार्यवाही के डर के कारण सूचना नही दिए थे।