गौरा सांची बताओ लोकगीत सुनकर झूम उठे दर्शक बुन्देली उत्सव के 5वें दिन दलदल घोड़ी, बहरूपिया रहे आकर्षण का केन्द्र - खबरीलाल.नेट
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गौरा सांची बताओ लोकगीत सुनकर झूम उठे दर्शक बुन्देली उत्सव के 5वें दिन दलदल घोड़ी, बहरूपिया रहे आकर्षण का केन्द्र

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गौरा सांची बताओ लोकगीत सुनकर झूम उठे दर्शक बुन्देली उत्सव के 5वें दिन दलदल घोड़ी, बहरूपिया रहे आकर्षण का केन्द्र
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छतरपुर। बुंदेली विकास संस्थान द्वारा बसारी के राव बहादुर सिंह स्टेडियम में आयोजित किए जा रहे बुंदेली उत्सव के 26वें संस्करण के चौथे दिन से सांध्यकालीन मंचीय कार्यक्रम प्रारंभ हो चुके हैं। बीती शाम बुंदेली उत्सव के मंच पर कार्तिक गीत, आल्हा, बिलवारी, रावला, सोहरे, ढिमरयाई, अलगोजा और तमूरा भजन की प्रस्तुतियां हुईं। इसी के साथ दलदल घोड़ी, बहरूपिया और अलगोजा की प्रस्तुति भी कलाकारों द्वारा दी गई। प्रस्तुतियों में विशेष आकर्षण संतोष वासुदेव का तमूरा भजन रहा जिसमें उन्होंने प्रसिद्ध भजन गौरा सांची बताओ गाकर दर्शकों की भरपूर तालियां बटोरीं। आकाशवाणी कलाकार रामसिंह राय और नीलम तिवारी के लोकगीतों ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

कार्यक्रम की शुरूआत महाराजा छत्रसाल के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण के साथ की गई। बुधवार को कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर फिल्म अभिनेता राजा बुन्देला मौजूद रहे। इन्हीं के साथ मंच पर झांसी के सीएसटी कमिश्नर अजीत ङ्क्षसह चंदेल, प्रो. शीतल शर्मा, अल्का सिंह, महर्षि विद्या मंदिर के प्राचार्य सीके शर्मा, समाजसेवी शंकर सोनी, साहित्यकार संतोष पटैरिया आदि मौजूद रहे। अतिथियों ने मंच से राव बहादुर सिंह बुन्देला स्मृति सम्मान जो कि साहित्य समीक्षा के लिए दिया जाता है, जबलपुर के साहित्यकार गुप्तेश्वर द्वारका गुप्त को प्रदान किया गया जिसमें स्मृति चिन्ह, शॉल-श्रीफल के साथ 3100 रूपए की नगद राशि प्रदान की गई। लोक कला के क्षेत्र में पैगम्बरपुर बांदा के नोटंकी कलाकार विजय बहादुर श्रीवास्तव को नर्मदा प्रसाद गुप्त स्मृति सम्मान से नवाजा गया। उन्हें भी उक्त सम्मान राशि प्रदान की गई।

अपने उद्बोधन में राजा बुन्देला ने बुन्देली उत्सव और शंकर प्रताप सिंह मुन्नाराजा की तारीफ करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से आज बुन्देली संस्कृति पल्लवित हो रही है। इस दौरान उन्होंने मंच से पृथक बुन्देलखण्ड के लिए सभी लोगों से जोर लगाने को कहा। सीएसटी कमिश्नर अजीत सिंह चंदेल ने कहा कि वे यहां पर आकर अपने को धन्य मानते हैं कि इस मंच से उन्हें बुन्देली संस्कृति के दर्शन हुए जिसके लिए पिछले 25 वर्षों से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

देर शाम तक चला बुन्देली व्यंजनों का प्रदर्शन

बुन्देली उत्सव के 5वें दिन बुन्देली व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें क्षेत्र की 9 टीमों ने डेढ़ सैकड़ा से भी ज्यादा बुन्देली व्यंजन अतिथियों और निर्णायकों के समक्ष परोसे थे। इनमें बसारी की दीप्ती प्रगति अग्रवाल, रूचि अग्रवाल, आर्या अग्रवाल, गौरी गुप्ता, संध्या रैकवार और वृंदावन रैकवार, छतरपुर की रिंकी शर्मा, लवकुशनगर की सोनिया गुप्ता और टौरियाटेक की बुन्देली बखरी से विक्की चौबे शामिल हुए। निर्णायकों ने व्यंजन चखकर और उसकी निर्माण विधि में उपयोग होने वाले तत्वों की जानकारी के आधार पर निर्णय की घोषणा की जिसमें पहले स्थान पर बसारी की रूचि अग्रवाल, दूसरे स्थान पर बसारी की दीप्ती प्रगति अग्रवाल और तीसरे स्थान पर भी बसारी की ही आर्या अग्रवाल रहीं जिन्हें मंच से पुरस्कृत किया गया।

बुन्देली उत्सव के समापन के दिन गुरूवार की दोपहर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और क्षेत्रीय सांसद वीडी शर्मा भी बसारी पहुंचे जहां संस्थान के संरक्षक शंकर प्रताप सिंह बुन्देला द्वारा उनका आत्मीय स्वागत किया गया और सिद्धार्थशंकर बुन्देला द्वारा स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक अरविंद पटैरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष चन्द्रभान सिंह गौतम भी उपस्थित रहे। अपरिहार्य कारणों से निशानेबाजी प्रतियोगिता को इस बार के बुन्देली उत्सव में स्थगित कर दिया गया है जबकि बुन्देली सिनेमा का प्रदर्शन छठवें दिन भी जारी रहा।

छतरपुर से रिक्की सिंह की रिपोर्ट 

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