Umaria News : तय कार्यक्रम अनुसार विंधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम उमरिया स्थित सर्किट हाउस पहुँचे। स्वागत की कड़ी में कैबिनेट मंत्री मीना सिंह,पुलिस अधीक्षक उमरिया प्रमोद सिन्हा सहित जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया,स्वागत की कड़ी में वातायान संस्था से वरिष्ठ साहित्यकार संतोष द्विवेदी,राम निहोर तिवारी ,संभु सोनी,शिवानंद पटेल,भूपेंद्र त्रिपाठी ने स्वागत किया
लक्ष्मण सिंह के इस ट्वीट का किया जिक्र
कांग्रेस के आंतरिक सर्वेक्षण में 17 पूर्व मंत्री और 37 वर्तमान विधायक ही जीत रहे हैं।विपक्ष में रहने के बाद और भारत जोड़ो यात्रा के बाद भी ऐसी स्तिथि क्यों बनी? शीर्ष नेतृत्व संभवत:इसका उत्तर दे सकता है @INCMP @INCIndia
— lakshman singh (@laxmanragho) December 29, 2022
क्या कहा विधानसभा अध्यक्ष ने
कल होंगे कार्यक्रमों में शामिल :
बता दें मध्यप्रदेष विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम 31 दिसंबर को साहित्यकारो एवं पत्रकारों द्वारा मित्र मिलन एवं अभिनंदन समारोह में भाग लेंगे के लिए लिए 31 दिसंबर को प्रातः 9 बजे नौ नंबर कालोनी पहुचेंगे जहां साहित्यकारो एवं पत्रकारों द्वारा मित्र मिलन एवं अभिनंदन समारोह में कार्यक्रम सम्मिलित होगे एवं कार्यक्रम उपरांत गिरीश गौतम इसी दिन प्रातः 10 बजे उमरिया से बरगांव जिला डिण्डौरी के लिए प्रस्थान करेंगे।
कौन हैं गिरीश गौतम :
गौरतलब है कि अपने जीवन के पहले दो चुनाव भाकपा से लड़ने वाले गिरीश गौतम को विंध्य क्षेत्र में कम्युनिस्ट विचारधारा का आखिरी नेता माना जाता है, लेकिन वे पिछले 18 साल से भाजपा के सदस्य हैं. गिरीश गौतम ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत 1977 में छात्र राजनीति से की थी। वे 2003 से 2018 तक लगातार चौथी बार दो अलग-अलग सीटों से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे।
उन्होंने 1993 और 1998 में सीपीआई (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) से विधानसभा चुनाव लड़ा। गिरीश गौतम को तब कांग्रेस के दिग्गज नेता और विंध्य के चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी से हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2003 में गिरीश गौतम ने भाजपा के टिकट पर मंगवां विधानसभा से चुनाव लड़ा और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी को हराया।
वर्ष 2008 में, जब मनगवां विधानसभा सीट आरक्षित हुई, तो भाजपा ने गौतम को पड़ोसी देवतालाब सीट पर भेज दिया, जहाँ से उन्होंने 2008, 2013 और 2018 में विधानसभा जीत हासिल की। सीपीआई से अपने जीवन के पहले दो चुनाव लड़ने वाले गिरीश गौतम को विंध्य प्रदेश में कम्युनिस्ट विचारधारा का आखिरी नेता माना जाता है। लेकिन पिछले 18 साल से वह बीजेपी के कार्यकर्ता हैं।