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Tiger पलभर में शिकार को उतार देता है मौत के घाट, 5 स्टेप में जानिए बाघ की खतरनाक घातक रणनीति

Group Editor

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Deadly way of hunting a tiger : वैसे तो बाघ जंगल का राजा कहलाता है जब बाघ जंगल में शिकार करता है तो ऐसा बहुत ही काम मौके आते हैं की शिकार की जान बच पाती है.इसका कारण है बाग का घातक प्रहार करना और इसके पीछे बाघ कि पूरी रणनीति होती है बाग कोई भी शिकार वह यूं ही नहीं कर लेता. शिकार करने के लिए बाघ की एक विशेष रणनीति होती है आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि बाघ किसी शिकार को कैसे मौत के घाट पल भर में उतार देता है.आज जानेगे कि शिकार करने के लिए बाघ किन-किन रणनीतियों को अपनाता हैं तब जाकर के वह शिकार करने में सफलता प्राप्त करता है.वैसे तो बाघ जब किसी भी शिकार को पकड़ता है तो आमतौर पर उसके गर्दन या गले को ही निशाना बनाता है.आईए देखते हैं बाघ के द्वारा शिकार किए जाने की पूरी प्रक्रिया.

शातिराना अंदाज में शिकार का पीछा करना

Tiger जब किसी भी वन्य जीव का शिकार करता है तो वह यूं ही उसके सामने सीधा खड़ा नहीं हो जाता है.या डायरेक्ट अटैक भी नहीं करता है.सबसे पहले वह अपने शिकार का टारगेट फिक्स करता है और उसके पास पहुंचने के लिए वह दबे और सधे हुए कदमों से चुपचाप पहुंचता है.शिकार तक पहुंचाने के लिए वह जंगल की लंबी-लंबी बड़ी झाड़ियां या चट्टानों का सहारा भी लेता है.चुपचाप शिकार के पास पहुंचने के बाद ही वह अपना अगला पैंतरा अपनाता है.बाघ जब शिकार के पास से 20 से 30 फीटपहुंच जाता है तब उसका दूसरा एक्शन चालू होता है.क्योंकि 20 से 30 फीट के अंदर अगर कोई शिकार बाघ के नजदीक है तो उसका बच पाना शायद ही संभव हो.

घात लगाकर शिकार पर झपटना 

बाघ जब शिकार के पास लगभग 20 से 30 फीट के आसपास नजदीक पहुंच जाता है इसके बाद वह अपना अगला पैंतरा अपनाता है. अब बाघ एसी घात लगाता है कि जब वह उसके ऊपर झपटे तो शिकार मौके से भाग न पाए.बाघ  कोशिश करता है कि वह बहुत जोर से छलांग लगा कर शिकार के एकदम नजदीक पहुंच जाए या तो उसके ऊपर कूद जाए उसके बगल में पहुंचे जाए.जब इतना कंफर्म हो जाता है कि वह यह सब कर पाएगा तभी वह छलांग लगता है.

शिकार की गर्दन पर बाघ का जानलेवा प्रहार 

Tiger के द्वारा शिकार करने के दौरान अपनाई जाने वाली जो अगली प्रक्रिया होती है वह बहुत ही घातक होती है. क्योंकि अब शिकार का बच पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है आमतौर पर बाघ जैसे ही शिकार के ऊपर छलांग लगता है जैसे कि चीतल,हिरण के उपर. छलांग लगाते ही अपने केनाइन को शिकार के गले में लगा देता है.बाघ के तेज और धारदार केनाइन का दबाव पढ़ते ही शिकार की श्वास नली और रक्त वाहिकाएं कट जाती हैं.शिकार मौके पर छटपटाने लगता है.बाघ के इस घातक प्रहार के बाद में जो शिकार बनता है उसकी गले की रक्त वहानियां कट जाती हैं और शिकार के साइज के आधार पर मौत 1 मिनट से लेकर के 10 मिनट के बीच में हो जाती है. कोई छोटा वन्य जीव हुआ तब तो बाघ उसे सीधे पीछे गर्दन पर काटता है इससे उसके रीड की हड्डी कट जाती है और उसकी या तो तुरंत मौत हो जाती है या वह लकवा ग्रस्त हो जाता है.

शिकार की मौत बाघ के जबड़े में 

शिकार के ऊपर जबर्दस्त प्रहार करने के बाद में Tiger शिकार को  एक समय तक होल्ड करके रखना.बाघ उसे लंबे समय तक पकड़ कर रखता है इससे शिकार कुछ ही समय के बाद सुस्त पड़ जाता है.बाघ इसलिए ऐसा करता है ताकि उसे शिकार के साथ में ज्यादा संघर्ष न करना पड़े.बाघ की पकड़ इतनी मजबूत होती है की शिकार कुछ ही समय के बाद में या तो मर जाता है या फिर वह इतना सुस्त हो जाता है कि वह विरोध बाघ का  विरोध नहीं कर पता है.

सुरक्षित और छायादार जगह पर शिफ्ट करना 

अंतिम चरण में Tiger की रणनीति यह होती है कि जब शिकार या तो मर जाता है या शिकार की ताकत बिल्कुल खत्म हो जाती है तब बाघ शिकार को और अधिक सुरक्षित स्थान पर जहां छाया हो वहां ले जाकर के या झाड़ियां में छिपा कर रख देता है या तो उसे तुरंत खाना शुरू कर देता है या कुछ समय बाद उसे खाना शुरू करता है.एक और बात देखी जाती है कि आमतौर पर बाघ या तो पिछला हिस्सा पहले खाता है या उसके आंतरिक अंगों को पहले खाना शुरू करता है.

रोचक तथ्य 

आपको जानकर हैरानी होगी कि बाघ की जो बाईट होती है उसमें 1000 psi की ताकत होती है.मतलब बाघ अगर आपकी हड्डियों को पकड़ ले तो उसके लिए यह चिप्स या कुरकुरे जैसा ही महसूस होगा.बाकी जबड़े की यह ताकत हड्डियों को कुचलने , मोटी खाल को भेदने के काम में आती है.बाघ के केनाइन की लंबाई 3 इंच से अधिक होती है.यह लंबाई किसी भी शिकार को पकड़ने के बाद में उसे मौत के घाट उतारने के लिए पर्याप्त होती है.

Deadly way of hunting a tiger
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संजय विश्वकर्मा खबरीलाल न्यूज़ पोर्टल हिंदी में ग्रुप एडिटर हैं। वे स्टॉक मार्केट,टेलीकॉम, बैंकिंग,इन्सुरेंस, पर्सनल फाइनेंस,सहित वाइल्ड लाइफ से जुड़ी खबरें लिखते हैं।संजय को डिजिटल जर्नलिज्म में 8 वर्ष का अनुभव है।आप संजय से 09425184353 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
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