Shahdol News : गर्मी का मौसम खत्म होते-होते जैसे ही बरसात का मौसम लगता है वैसे ही सर्प दंश की घटनाएं शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक बढ़ जाती हैं.जब भी कोई सर्प दंश होता है और यदि उस पीड़ित व्यक्ति को समय पर इलाज मिल जाए तो उसकी जान बच जाती है .लेकिन झाड़ फूंक और टोने टोटके के चक्कर में पड़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर मौत भी सर्प दंश के कारण हो जाती है.
शहडोल जिला प्रशासन के द्वारा सर्पदंश से बचाव के लिए सावधानियाँ एवं सलाह दी गई हैं.
- खेतों में कार्य करते समय जूते-मोज़े पहनें, गहरे रंग के कपड़े पहनें और हाथों में दस्ताने लगाएं।
- झाड़ियों, पुआल के ढेर, लकड़ी के गट्ठर आदि स्थानों में काम करने से पहले वहां डंडे या लाठी से हल्का प्रहार करें।
- अंधेरे में टॉर्च का उपयोग करें और बच्चों को बिना देखरेख खुले स्थानों पर न भेजें।
- घर के आसपास साफ-सफाई रखें, झाड़ियाँ काटें और कूड़ा-कचरा हटाएं।
- घरों की दीवारों में मौजूद दरारें बंद करें और खुले में सोने से परहेज़ करें।
- यदि किसी को सर्प ने डस लिया हो तो घबराएं नहीं, शरीर को शांत रखें और तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल पहुँचें।
- घाव को चाकू से काटना, चूसना या उस पर कोई रसायन लगाना अत्यंत हानिकारक है।
- झाड़-फूंक, टोना-टोटका या तांत्रिक क्रियाओं में समय न गंवाएं। यह समय जीवन रक्षक हो सकता है, इसलिए हर क्षण अमूल्य है।
- सर्पदंश ग्रसित व्यक्ति को यथाशीघ्र अस्पताल ले जाएं
- यदि संभव हो तो सांप का रंग, लंबाई या कोई चित्र याद रखें लेकिन उसे मारने या पकड़ने का प्रयास न करें, क्योंकि इससे और खतरा हो सकता है।
- कई बार सांप विषैला नहीं भी होता, पर उपचार में देर जानलेवा साबित हो सकती है।