Marbled Cat : वैसे तो आप बिल्ली से भली भांति परिचित हैं। हमारे और आपके घरों में बिल्ली का आना जाना ऐसे लगा रहता है जैसे यह उनका ही घर हो। बिल्ली को देख करके बड़े क्या बच्चे तक नहीं डरते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि बिल्लियों में कुछ ऐसी प्रजाति है जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के अलावा बियावान घने जंगलों में अपना आवास बनती है। बिल्ली की ऐसी बहुत सी प्रजाति है जो अभी भी जंगली हैं। इन्हीं प्रजातियों में से एक है Marbled Cat।
Marbled Cat जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इस बिल्ली के शरीर में लेपर्ड स्टाइल में काले धब्बे और धारियां होती हैं। इस मार्वल कैट का यह शरीर इस जंगल के परिवेश के साथ आसानी से घुलने -मिलने लायक बना देता है। जंगल में रहने कारण यह Marbled Cat बहुत ही बड़ी छलांग लगाकर एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक चली जाती हैं। Marbled Cat भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, लाओस में पाई जाती हैं। भारत में मुख्यत अरुणाचल प्रदेश,असम, मेघालय और नागालैंड के जंगलों में देखने को मिल जाती हैं।
तेंदुए के बच्चे जैसी आती है नजर
अगर आपको जंगल के अंदर Marbled Cat दिख जाए और पेड़ के ऊपर यह बैठी हो नाइट सफाई के दौरान, तो आपको लगेगा कि यह किसी लेपर्ड का शावक है। क्योंकि Marbled Cat भी लेपर्ड स्टाइल में पेड़ की टहनियों में आराम फरमाती हुई नजर जंगल में आ ही जाती है।

कहा दिखी Marbled Cat
दरअसल आपको बता दें कि एक भारतीय वन्य जीव प्रेमी जो कि मलेशिया के Tabin Wildlife Reserve में सफारी करने के लिए गए हुए थे। नाइट सफारी के दौरान यह Marbled Cat स्पॉट हुई है। उक्त पर्यटक के साथ में जो गाइड मौजूद था उसने बताया कि हम नियमित रूप से जंगल आते हैं लेकिन यह बिल्ली इतनी दुर्लभ है कि 2 साल में हमें यह पहली बार दिखाई दे रही है।

IUCN की Red List में शामिल
इस मामले में कई वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट बताते हैं कि यह अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature) की रेड लिस्ट में शामिल है। निकट संकटग्रस्त श्रेणी होने के कारण इस बिल्ली के संरक्षण संवर्धन की आवश्यकता है। लगातार जंगलों में हो रहे अवैध शिकार और प्रजाति आवास के नुकसान कारण इस बिल्ली को संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता है।
तो आपने देखा कि आपके घर में जो बिल्लियां पाई जाती हैं उसकी ऐसी भी प्रजातियां हैं जो काफी दुर्लभ हैं और इतनी दुर्लभ है कि दो-दो साल तक हुए वें भी नहीं देती हैं।