High Court News : प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में काम कर रहे दैनिक वेतन भोगियों के लिए हाईकोर्ट से बड़ा फैसला आया है। जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने 121 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि यदि दैनिक वेतन भोगियों ने 15 साल से दैनिक वेतन भागिदार है तो उस पेंशन में जोड़ा जाएगा। बेंच ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ने भले ही इन कर्मचारियों को दैनिक वेतनभोगी माना हो, लेकिन यदि उन्हें मासिक भुगतान मिलता रहा है तो उनकी सेवा को अस्थाई आकस्मिक वेतनभोगी माना जाएगा। 15 वर्ष पूरे होने के बाद यह सेवा स्थाई आकस्मिक वेतनभोगी में बदल जाएगी, लेकिन यह लाभ केवल पेंशन के लिए मान्य होगा।
ये 121 याचिकाएं दमोह के जल संसाधन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम कर रहे राम विशाल पटेरिया व अन्य की ओर से दायर की गई थीं। 5 फरवरी 1978 से दैनिक वेतन भोगी के रूप में जल संसाधन विभाग में काम कर रहे राम विशाल पटेरिया ने पेंशन का लाभदिलाए जाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की थी।
सिर्फ पेंशन के लिए होगी गणना
अपने फैसले में अदालत ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश सिर्फ पेंशन के मुद्दे के लिए है। वेतन, प्रमोशन या सीनियरिटी जैसे मुद्दे को लेकर इस फैसले का उपयोग नहीं हो सकेगा।
सरकार को 60 दिन की मोहलत
यह फैसला प्रदेश के विभिन्न विभागों में काम कर रहे हजारों कर्मचारियों पर सीधा असर डालेगा। इस आदेश का पालन करने कोर्ट ने राज्य सरकार को 60 दिन का समय दिया है