SIR News Umaria : प्रभारी कलेक्टर आईएएस अभय सिंह ओहरिया के द्वारा जिले में शिक्षकों के 1 साल के इंक्रीमेंट रोकने के आदेश जारी किए है।मिली जानकारी के अनुसार जिले में चल रहे SIR के लिए जिले के सभी बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना-पत्रक वापसी एवं डिजिटाईजेशन का कार्य प्रतिदिन 10 प्रतिशत से अधिक किये जाने हेतु निर्धारित किया गया है, निर्देशानुसार जिले के समस्त बीएलओ को गणना-पत्रक डिजिटाईजेशन निर्धारित लक्ष्य अनुसार समय-सीमा में किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
लेकिन मतदान केन्द्र क्रमांक 19-बसेहा विधानसभा क्षेत्र 90-मानपुर में नियुक्त बीएलओ बृजेश कुमार मिश्रा, मा. शिक्षक शा.उ. मा. विद्यालय भरेवा विकासखण्ड मानपुर द्वारा कुल 688 मतदाताओं में से मात्र 4 (0.58प्रतिशत) मतदाताओं का गणना-पत्रक डिजिटाईजेशन कार्य किया गया है जो असत्य है, जिससे यह स्पष्ट है कि श्री मिश्रा, मा. शिक्षक द्वारा अपने मतदान केन्द्र में सतत भ्रमण नहीं किया गया और न ही मतदाताओं से संपर्क किया गया।
श्री मिश्रा की प्रगति के संबंध में सायं गूगल मीट के माध्यम से समीक्षा की गई जिसमें उनके द्वारा उक्त गूगल मीट में अव्हेलना पूर्वक उपस्थित नहीं हुए, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि बृजेश कुमार मिश्रा, मा. शिक्षक द्वारा भारत निर्वाचन आयोग की अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम निर्वाचक नामावली के विशेष गहन पुनरीक्षण-2026 में जान बूझकर कोई रूचि नहीं ली जा रही है तथा अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही व वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश की अव्हेलना की गई है, जो म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 का उल्लंघन होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है। कृत्य के लिए श्री बृजेश कुमार मिश्रा, मा. शिक्षक शा.उ. मा. विद्यालय भरेवा विकासखण्ड मानपुर, जिला उमरिया को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-10 के तहत आगामी एक वार्षिक वेतन वृध्दि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित की जाती है। यह आदेश प्रभावशील हो गया है।
इसके साथ ही मतदान केन्द्र क्रमांक 284-बिछिया विधानसभा क्षेत्र 89-बांधवगढ़ में नियुक्त बीएलओ मान सिंह उद्दे, प्रा. शिक्षक शा.मा.शाला बिछिया विकासखण्ड करकेली द्वारा कुल 697 मतदाताओं में से मात्र 9 (1.29प्रतिशत) मतदाताओं का गणना-पत्रक डिजिटाईजेशन कार्य किया गया है जो असत्य है, जिससे यह स्पष्ट है कि मान सिंह उद्दे, प्रा. शिक्षक द्वारा अपने मतदान केन्द्र में सत्त भ्रमण नहीं किया गया और न ही मतदाताओं से संपर्क किया गया। श्री उद्दे की प्रगति के संबंध में सायं काल गूगल मीट के माध्यम से समीक्षा की गई जिसमें उनके द्वारा उक्त गूगल मीट में उपस्थित होने के बावजूद भी कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि मान सिंह उद्दे, प्रा. शिक्षक द्वारा भारत निर्वाचन आयोग की अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम निर्वाचक नामावली के विशेष गहन पुनरीक्षण-2026 में जान बूझकर कोई रुचि नहीं ली जा रही है तथा अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही व वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश की अव्हेलना की गई है, जो म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 का उल्लंघन होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है। यह आदेश प्रभावशील हो गया है।











