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Muntjacs in Bandhavgarh :बांधवगढ़ में नजर आया भौकने वाला हिरण

Muntjacs in Bandhavgarh : विश्व प्रशिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) वैसे तो पूरे विश्व में अपनी अधिक बाघों की संख्या के लिए जाना जाता हैं लेकिन बाघों के साथ साथ पशुओं की 22 और पक्षियों की 250 प्रजातियाँ ...

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Sanjay Vishwakarma

Muntjacs in Bandhavgarh : विश्व प्रशिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) वैसे तो पूरे विश्व में अपनी अधिक बाघों की संख्या के लिए जाना जाता हैं लेकिन बाघों के साथ साथ पशुओं की 22 और पक्षियों की 250 प्रजातियाँ पाई जाती है.बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में आज टाईगरसफारी (Tiger Safari )के दौरान एक ऐसी ही अनोखी वन्य जीव की प्रजाति पर्यटकों को नजर आई जिसे मंटजैक (Muntjacs) या भौकने वाला हिरन (Barking Deer) कहते है.

Barking Deer in Bandhavgarh : बांधवगढ़ में नजर आया भौकने वाला हिरण
Photo : Social Media

जल श्रोतो के नजदीक पाए जाते हैं Barking Deer :

सीनियर गाइड जगत चतुर्वेदी बताते हैं की मंटजैक (Muntjacs) मूल रूप से छोटे हिरण है, 15 से 35 मिलियन वर्ष पूर्व धरती में आए मंटजैक वर्तमान समय में दक्षिण एशिया के मूल निवासी हैं और इंडिया के साथ साथ श्रीलंका,म्यांमार,वियतनाम,इंडोनेशिया द्वीप,ताइवान और दक्षिण चीन में पाए जाते है.बांधवगढ़ में मंटजैक (Muntjacs) हालाँकि कम संख्या में हैं पर इन्हें बांधवगढ़ के घने वनों और जल श्रोतो के नजदीक देखा जा सकता है.

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कुत्ते की तरह आवाज निकालता हैं मंटजैक

इसे अक्सर भौंकने वाला हिरण (Barking Deer) कहा जाता है क्योंकि जब मंटजैक  को किसी खतरे का आभास होता हैं तो यह आवश्यकता होने पर कुत्ते की तरह भौंकने की आवाज निकलता हैं इस कारण इसे भौकने वाला हिरण कहा जाता है. मंटजैक का जीवन चक्र लगभग 17 वर्ष का होता है. मंटजैक (Muntjacs)  सर्वाहारी हैं, जड़ी-बूटियों, फलों, पक्षियों के अंडे, छोटे जानवर, अंकुरित, बीज और घास खाते हैं। वे छोटे गर्म खून वाले जानवरों को पकड़ने के लिए काटने के लिए अपने नुकीले दातों और अपने अगले पैरों का उपयोग मजबूत वार करने के लिए करते हैं। पूरे विश्व में मंटजैक (Muntjacs) की लगभग 12 प्रजातियाँ पाई जाती हैं.

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