भगवान और भक्त के मिलन की पराकाष्ठा को आज तक कोई समझ नहीं पाया है। भगवान चाहे कितनी ही दूर रहें, भक्तों के मन में जब समा जाते हैं तो वह कुछ भी करने को तैयार हो जाता है। ऐसा ही एक भक्ति की अनोखा नजारा शहडोल में देखने मिल रहा है । राजस्थान के श्रद्धालु मीलों की यात्रा दंड लगाते हुए जगन्नाथपुरी जा रहे है। राजस्थान माधवपुर निवासी विजय गुर्जर परमात्मा की खोज में 1800 किलोमीटर लंबी दंडवत यात्रा निकली है। जो आज शहड़ोल पहुची, शहड़ोल होते हुए जगन्नाथपुरी के लिए रवाना होंगे, उनकी दंड यात्रा जब आज शहडोल पहुंची तो राह चलते लोग भी श्रद्धा से झुक गए। उनके इस भक्ति को देख सभी दंग है।
राजस्थान माधवपुर निवासी विजय गुर्जर परमात्मा की खोज में 1800 किलोमीटर लंबी दंडवत यात्रा 7 दिसम्बर से राजस्थान के माधवपुर से प्रारंभ की थी, जो आज मध्यप्रदेश के शहड़ोल पहुची है। यह दंडवत यात्रा शहड़ोल होते हुए अनूपपुर अमरकंटक छत्तीसगढ़ से जगन्नाथपुरी जाएगी, दंडवत प्रणामी यात्रा में 52 वर्षीय विजय गुर्जर साहू के साथ दो छोटे भाई भी है शामिल हैं । निकलना मुश्किल है। ऐसे में बाबा विजय गुर्जर ने जो यह दंड यात्रा शुरू की यह भगवान के प्रति श्रद्धा का अतुलनीय उदाहरण है।
रास्ते में कंकड़-पत्थर ही नहीं, प्रकृति की मार झेलते हुए जब यह जगन्नाथ धाम को देवघर में जल अर्पण करेंगे एवं उसके बाद दंड प्रणाम देते हुए इनकी यात्रा पूरी होगी। फिलहाल धीरे धीरे ही सही देवघर की ओर बढ़ रही इनकी दण्ड प्रणाम यात्रा भक्त और भगवान के बीच वाले संबंध का अद्भुत प्रमाण दे रहा है।