जिले का युवक इनकम टैक्स और ईओडब्ल्यू के दफ़्तरों के चक्कर काट रहा है।जब इस मामले में पीड़ित रवि गुप्ता को आयकर विभाग ने 24 अप्रैल तक 113 करोड़ रुपय से अधिक की राशि जमा कराने का नोटिस थमा दिया है। ऐसे में अब पीड़ित युवक बिना कुछ किए मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा है।
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मामले की जानकारी देते हुए पीड़ित भिंड जिले के निवासी रवि गुप्ता ने बताया कि, उन्हें साल 2019 में पहला नोटिस आयकर विभाग से मिला था जिसमें उन्हें 3.5 करोड़ रुपय जमा कराने की बात कही गई थी। लेकिन उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी उनके नाम से किसी ने फ़र्ज़ी कंपनियों बनाकर ट्रांज़ेक्शन किए थे अपने साथ हुई फ्रॉड की बाक़ायदा लिखित शिकायत उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस और एमपी पुलिस में की थी जिसको लेकर मप्र EOW द्वारा मामले को जाँच की जा रही है।जिसकी सूचना वे पूर्व में ही आयकर विभाग को दे चुके हैं बावजूद उन्हें कई बार नोटिस जारी किया गया है उन्हें हाल ही में एक और डिमांड नोटिस 23 मार्च को जाती हुआ जिसमें उन्हें एक महीने का समय देते हुए 113 करोड़ 83 लाख 32 हज़ार 8 रुपए जमा कराने की बात लिखी है तनख्वाह पचास हजार कहाँ से भरे महीने का सवा करोड़ पेनल्टी
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की और से जारी किए नोटिस में लिखा गया है कि समय सीमा में यदि संबंधित राशि का भुगतान नहीं किया गया तो प्रति महीने उन्हें एक प्रतिशत की दर से ब्याज भी भरना होगा।रवि ने बताया की वे दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर के पद पर काम कर रहे हैं और उनकी तनख़्वाह ही मात्र 50 हजार रुपए है ऐसे में वे इतनी बड़ी रकम और प्रतिदिन चार लाख रुपए के हिसाब से महीने का सवा करोड़ रुपय कहाँ से भरेंगे। जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।सिर्फ़ नोटिस थमा रहे
आयकर विभाग से प्रताड़ित हो रहे रवि गुप्ता का कहना है कि उनसे वित्तीय वर्ष 2012-13 में सम्बंध में टैक्स भरने के लिए कहा जा रहा है लेकिन आयकर अधिकारी उनसे पूर्व में शिकायत ना किए जाने का तर्क देते रहे हैं उनका कहना है कि जब फ्रॉड 2012-13 में हुआ तब इसकी शिकायत क्यों नहीं की और जब मामला 2019 में नोटिस के जरिए जानकारी में आया तब भी क्यों नहीं की।रवि गुप्ता का कहना है कि पूर्व में ही जवाब दिया था की उन्हें 2019 से पहले इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी जब नोटिस मिला इसके बाद भी उन्होंने आयकर विभाग से इन ट्रांजेक्शन के बारे में जानकारी माँगी लेकिन विभाग ने उन्हें कोई जानकारी नहीं उपलब्ध करायी जिनके अभाव में वे शिकायत नहीं कर सके हालाँकि उन्होंने इस सम्बंध में जब सीबीआई से 2020 में शिकायत की तब जाकर EOW के जटिये इसकी जाँच शुरू की गई है। एक और मामले में जाँच चल रही दूसरी और लगातार मुझे नोटिस दिए जा रहे हैं।
इस पूरे मामले पर रवि गुप्ता का कहना है कि आयकर विभाग की ओर से किसी तरह से मुझे कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है ना ही किन दस्तावेज के आधार पर उन फर्जी कंपनियों का केवाईसी किया गया है ये बताया जा रहा है ना ही फर्म का नाम बताया जा रहा है सिर्फ़ नोटिस के ज़रिये टैक्स माँगा जा रहा है।
रवि गुप्ता ने यह भी बताया कि इस तरह का फ्रॉड उनके अकेले के साथ ही नही हुआ है एमपी में ही दो अन्य युवक भी इसी तरह के फ्रॉड में फँस गये हैं वे भी उनकी तरह ही कंपनी में काम करते थे उनके नाम से भी सूरत में डायमंड फर्म खोली गई हैं भीलवाड़ा का एक युवक के नाम से भी सूरत में कंपनियां रजिस्टर करायी गई जिनमें 219 करोड़ का ट्रांज़ेक्शन हुआ इन सब की जानकारी भी लिखित रूप से मैं दे चुका हैं। ये फ्रॉड मेरे साथ नहीं बल्कि सरकार के साथ हुआ उनका टैक्स चोरी किया गया है लेकिन उसके बारे में पता करने की जगह विभाग वह चोरी का टैक्स मुझसे वसूलने का प्रयास कर रहा है।उनका कहना है कि अब वे इस मामले को एमपी हाईकोर्ट में ले जा रहे हैं।
दरअसल भिंड के मिहोना क़स्बे में रहने वाले रवि गुप्ता दिल्ली की एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं।उन्हें 2019 में इनकम टैक्स विभाग ने 3.5 करोड़ रुपय का टैक्स भरने के लिए नोटिस जारी किया था।जब इस संबंध में उन्होंने जानकारी जुटाई तो पता चला कि उनके नाम से मुंबई के मलाड क्षेत्र में ऐक्सिस बैंक शाखा में फ़र्ज़ी अकाउंट खोलकर क़रीब 132 करोड़ रुपय के ट्रांजेक्शन किए गए हैं।बैंक से जानकारी लेने यह खाता सिर्फ़ उनके पैनकार्ड के नंबर के ज़रिए खोला गया पाया गया था।बैंक से जानकारी माँगने पर उन्हें यह कहकर मना कर दिया गया कि यह अकाउंट आपका नहीं है तो जानकारी नहीं दे सकते हैं।इसके बाद युवक ने इस मामले महाराष्ट्र पुलिस से शिकायत की वहीं जब मध्यप्रदेश पुलिस के पास वह अपनी शिकायत लेकर पहुँचा तो उसकी कंप्लेंट लिखने से माना कर दिया गया.
काफ़ी जद्दोजहद के बाद भी मामला दर्ज नहीं हुआ तो 2020 में रवि ने सीबीआई से मामले की शिकायत की जिन्होंने इसकी जाँच EOW को सौंपी जो मामले की तहक़ीक़ात कर रही है।लेकिन आयकर विभाग अब भी इस संबंध में 113 करोड़ से अधिक का टैक्स वसूलने की कोशिश कर रहा है।
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