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नगर परिषद के दो कर्मचारियों की खुली पोल रिश्वत लेकर बेच रहें हैं बेशकीमती शासकीय जमीन

दरअसल बरही में कई सालों से नगर परिषद् के कुछ कर्मचारियों द्वारा अपने पद और दाइत्व का दुरुपयोग कर अमामत में खयानत कर सरकारी जमीन को चंद पैसो की लालच में बेचने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन हाल ही ...

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Sanjay Vishwakarma

दरअसल बरही में कई सालों से नगर परिषद् के कुछ कर्मचारियों द्वारा अपने पद और दाइत्व का दुरुपयोग कर अमामत में खयानत कर सरकारी जमीन को चंद पैसो की लालच में बेचने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन हाल ही में घटे घटनाक्रम से भ्रस्ट्राचार की पोल खुल गई है, लेकिन खुलेआम पैसा लेंने वाले अदने से कर्मचारियों को किस अधिकारी की सह है यह तो जांच के बाद ही सामने आ पाएगा अब देखना होगा क्या नगर परिषद सहित आला अधिकारी ऐसे कर्मचारियों को घर बैठने का काम करेगें या खुलेआम भ्रष्टाचार करने के लिए यूँ ही छोड़ कर रखेगे. वैसे तो बरही नगर परिषद में अनेको जगह अतिक्रमण बताया जा रहा है और एक से बढ़कर एक धनाढ्यो का कब्जा है जिनको सिर्फ नोटिस पर नोटिस थमा दी जाती है नगर प्रशासन कार्यवाही करने  कि हिम्मत नही जुटा पाता है लेकिन यदि कोई झोपड़ी बनाकर रह रहा है उसमें प्रशासन एक भी चूक नही करता है पूरे दलबल के साथ पहुंचकर गरीबों के मकान को ढहा दिया जाता है जिनको मकान खाली करने के लिए भी मौहलत नही मिलती सीधे कार्यवाही कर दी जाती है टीना टप्पर के अलावा गृहस्थी का सामान तक फेंक दिया जाता है.

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क्या है पूरा मामला

एक ऐसा ही ताजा तरीन मामला बरही नगर परिषद के वार्ड नं 14 छिंदिया टोला से निकलकर सामने आया है जहां कि पीड़िता तुलसी बाई बंशकार जिसका विगत दिनों नगर परिषद बरही द्वारा मकान गिरा दिया गया है मकान के साथ साथ पीड़िता कि गृहस्ती का सामान भी फेंक दिया गया पीड़िता का परिवार परेशान है और नेताओं से लेकर अधिकारियो को अपनी समस्या बताते हुए न्याय कि गुहार लगा रहे हैं.

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पीड़िता तुलसी का कहना है कि छिंदिया टोला स्थित भूमि में करीब 18 वर्ष पूर्व से एक कमरा बनाकर अपने 11 सदस्यीय परिवार के साथ निवास करती चली आ रही हूं मेरे पांच लड़के हैं जिनकी शादी हो गई है बच्चो का परिवार भी एक कमरे में गुजर बसर करता चला आ रहा था मैं जिस जगह पर रहती थी उसी जगह पर बाजू में कुछ भूमि खाली पड़ी थी जिसका उपयोग करती चली आ रही थी उसी भूमि में मैं और मेरे बच्चे मजदूरी करते हुए एक कमरा गुजर बसर के लिए बनाए थे जब मैं कमरा बना रही थी तब दिनांक 1-4- 2023 को रात्रि 8 बजे नगर परिषद बरही के कर्मचारी रामलाल बारी एवं मनोज कोरी यह दोनों कर्मी मेरे घर आये थे और मुझसे अनाप शनाप बातें कर रहे थे कह रहे थे कि तुम्हारा कमरा नही बनने देंगे तो मै हाथ जोड़कर बोली कि साहब मैं गरीब हूं मेरे पास खर्चा देने के लिए नही है मेरे बाल बच्चे भी बोले कि यहां तो पूरी बस्ती में सरकारी जमीन में लोगों के घर बने हुए हैं फिर हमारा ही बस घर गिराने को क्यो कह रहे हैं. दोनों कर्मचारी रात्रि में ही घर का दरवाजा  गिराने का प्रयास किये थे लेकिन असफल रहे

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वही विगत दिनों बरही नगर परिषद के कर्मचारी एवं पुलिस के साथ पहुंचकर पीड़ित आवेदिका के मकान को गिरा दिया गया और मकान के अंदर रखी सामग्री को भी तहस नहस कर दिया गया है पीड़िता का आरोप है कि 7 वर्षीय बच्चे को भी फेंक दिया गया था जिसमे बच्चे को चोंट भी आई है,वही पीड़िता ने इस कार्यवाही को गरीबो के साथ अन्याय बताते हुए और नगर परिषद बरही के कर्मचारी रामलाल बारी एवं मनोज कोरी के ऊपर 30000 हजार रुपये कि रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए इस मामले कि शिकायत सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से सूबे के मुखिया से की और न्याय कि गुहार लगाई है

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गौरतलब है कि एक ओर भाजपा सरकार हालहि में लाड़ली बहना योजना चलाकर बहनाओ को राहत देने का काम की है वही दूसरी ओर नगर परिषद बरही में एक अनुसूचित जाति कि महला के साथ इस तरह का अन्याय हुआ है और वो पीड़ित महिला न्याय के लिए दर दर भटक रही है इस कार्यवाही से पूरे नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि नगर परिषद में अतिक्रमणकारियो कि बाढ़ है लेकिन नगर परिषद बरही द्वारा सक्रियता दिखाते हुए सिर्फ एक पर ही कार्यवाही क्यों की गई  वो भी गरीब के साथ क्या रसूकदारो पर कार्यवाही करने कि हिम्मत नगर परिषद नही उठा पा रही है।बहरहाल पीड़िता का पूरा परिवार इस मुँहदेखी कार्यवाही से परेशान है जल्द ही पूरा परिवार कलेक्टर अवि प्रसाद के ड्योढ़ी पहुंचकर आप बीती सुनाई जाएगी और सम्बंधित कर्मचारियों के ऊपर कार्यवाही की मांग की जाएगी

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Article By Neeraj Tiwari

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