नोट छापने वाले अधिकारी को 90 बक्सों कैश के साथ पकड़ा गया, जूते के अंदर नोटों को रखकर घर चोरी छिपे ले जाता था. ऑफिस में छिपाए गए नोटों के बंडल और घर से 90 लाख 49 रुपये मिले हैं. आरोपी को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है. बैंक नोट प्रेस थाने के प्रभारी उमराव सिंह ने बताया कि प्रेस में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों को उपनियंत्रण अधिकारी मनोहर वर्मा की गतिविधियां संदिग्ध लगीं. उसके जूतों की तलाशी लेने पर दो सौ रुपए के नोटों का एक बंडल मिला।
जूते में छिपा कर ले जाता था घर
बताया कि आरोपी अधिकारी के दफ्तर और घर की तलाशी ली गई तो कुल 90 लाख 49 हजार रुपये मिले. वर्मा के कार्यालय और घर से बरामद राशि में से केवल रु. 500 और रु. और 200 के नोट हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वर्मा के दफ्तर से 26 लाख 49 हजार रुपये, जबकि उनके घर से 64 लाख रुपये बरामद किये गये हैं. वर्मा को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 22 तारीख तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
रिजेक्ट नोटों को बनाया निशाना
पत्रकारों से चर्चा के दौरान आरोपी ने स्वीकार किया कि अप्रैल में उसकी पोस्टिंग कंट्रोल विभाग में हुई थी. लेकिन पिछले तीन महीने से उसने नोट चुराना शुरू कर दिया. जब भी उसे मौका मिलता तो वह अपनी शर्ट और जूतों में नोट छिपा लेता था। वह अपने जूतों में नोटों का बंडल खास तरीके से फंसाता था, ताकि चलने में दिक्कत न हो और किसी को उसकी हरकतों पर शक न हो। उमराव सिंह ने कहा है कि आरोपियों के पास से बरामद नोटों में कुछ तकनीकी खामियां हैं, लेकिन इन्हें बाजार में आसानी से चलाया जा सकता है.