मृत महिला को पुनः जिन्दा करने की जिद पर गाँव के तथाकथित पंडा को गाँववालों ने मार-मार कर किया अधमरा
इस देश को आजाद हुए 75 वर्ष से अधिक हो गए हैं सरकार के द्वारा भी शिक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे किए जाते है लेकिन तमाम दावों के वावजूद कुछ एसी तस्वीरे समाज से निकल कर सामने आते ही है जो सभी दावों की पोल खोल देती हैं. उमरिया जिले के आदिवासी अंचल में आज भी तंत्र मन्त्र और टोन टोटके एक बड़े तबके पर इतने हावी है की लोग एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाते है.
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क्या है पूरा मामला
उमरिया जिले के कोतवाली थाना के बिलासपुर चौकी अंतर्गत ग्राम अतरिया में रोजमर्रा की तरह 26 अगस्त की सुबह सुबह घरेलू काम करते करते लीला बाई गोंड पति कंधी गोंड उम्र 45 अचानक अचानक अचेत होकर गिर गई और कुछ समय बाद सांसे भी बंद हो गई. किसी को कुछ समझ में ने ही आया की कैसे लीला की मौत हो गई. घर में मातम पसर गया और आस पड़ोस के लोग भी रोने की आवाज सुनकर एकत्रित होने लगे.
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मरे हुए जो जिन्दा करने की लगे रहे जिद में
तभी मृतिका के परिजनों ने गाँव के ही 60 वर्षीय हनुमान सिंह पिता ददन सिंह पर आरोप लगाया की ददन कल ही कह रहा था की मुझे परेशान न करो नही तो जिन्दा नही रह पाओगे और आज सुबह लीला बाई की मौत हो गई. इतना सुनने के बाद गाँव के लोग आक्रोशित हो गए और 60 वर्षीय हनुमान सिंह पिता ददन सिंह को लाकर उसके साथ मारपीट करने लगे और उससे जिद करने लगे की जैसे तुमने लीला बाई को मारा है वैसे ही इसे अब जिन्दा कर दो, 60 वर्षीय हनुमान सिंह पिता ददन सिंह के साथ इतनी मारपीट कर दी गई की वह बेहोस होकर गिर गया.
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अंधविश्वास के साए में पूरा गाँव
गाँव वालो का ऐसा मानना है कि हनुमान सिंह और उसके परिजन जादू टोना करते हैं इसलिए लीला बाई अपने आप बेहोश होकर मृत हो गई,गांव वालो का ये भी कहना है की हनुमान सिंह का परिवार गांव के देवी देवता को घर में रखा है, जादू टोना करता है जिसके कारण यहां पहले भी अकारण मृत्यु हुई है, यहां के लोगो का कहना है की माता दाई की पूजा हम नही कर पा रहे हैं उसी का प्रकोप है.मिली जानकारी के अनुसार हनुमान सिंह ने कहा भी की मैंने किसी भी देवी देवता को अपने घर में कैद नही किया हुआ है लेकिन जब बात बढ़ने लगी तो हनुमान सिंह ने कहा की यदि ऐसे ही मुझे परेशां करोगे तो कल गाँव में कोई न कोई मौत हो जाएगी और संयोगवश ऐसा हो भी गया जो हनुमान सिंह के लिए आफत बन गया.
पुलिस ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही बिलासपुर चौकी पुलिस ने मौके पर पहुच कर मोर्चा संभाला चूकी भीड़ काफी आक्रोशित थी, पूरे गाँव के लोग जुटते जा रहे थे, इसलिए एएसआई उमेश सिंह ने मौके की नजाकत को देखते हुए मौजूद गाँव वालो और परिजनों से संवाद स्थापित किया और उन्हें विश्वास में लेकर किसी तरह से घायल 60 वर्षीय हनुमान सिंह पिता ददन सिंह को उनके चंगुल से छुड़ा कर बिलासपुर स्वास्स्थ केंद्र में ईलाज के लिए भर्ती कराया साथ ही 60 वर्षीय हनुमान सिंह पिता ददन सिंह के परिजन दत्त सिंह, जय पान सिंह , मंगल सिंह, शैतान सिंह और बच्चो को ग्राम अतरिया से चौकी सुरक्षित पहुंचा दिया गया था और 27 अगस्त की सुबह परिजन बिलासपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में घायल हनुमान सिंह के साथ है, साथ ही मृतिका लीला बाई के शव का पीएम बिलासपुर में पीएम उपरांत आज 27 अगस्त को अंतिम संस्कार किया जा रहा है.
नोट : khabarilal.net ऐसी किसी भी रुढ़िवादी सोच या अंधविश्वास या फिर तंत्र-मन्त्र को बढ़ावा नही देता खबर में लिखी गई तमाम बातें ग्रामीणों के स्टेटमेंट पर आधारित हैं.