उमरिया कोतवाली थानांतर्गत ग्राम कछरवार निवासी राहुल रजक पिता बंसीलाल रजक उम्र 23 वर्ष 21 जुलाई की शाम घर से निकला था। लेकिन जब रात भर युवक घर नही लौटा परिजनों ने राहुल की खोजबीन शुरू की सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पता चला राहुल किसी युवक के साथ जिला पंचायत के सामने मौजूद दुकान से निकला है। इधर 22 जुलाई को भी कोई सुराग नही मिला तो 23 जुलाई को सिविल लाइन चौकी में पहुँचकर मामले की गुमशुदगी दर्ज करवाई।
पुलिस के साथ-साथ परिजनों ने भी युवक की पतासाजी के भरसक प्रयास किए हैं।मृतक के भाई ने बताया कि 26 जुलाई को राहुल रजक का मोबाइल राष्ट्रीय राजमार्ग 43 के किनारे घुल घुली मोड़ में बन्ना नाला के पास संतोष गुप्ता के घर मे बरामद हुआ है। पुलिस को तो संतोष गुप्ता और उसके पुत्र ने बताया कि राहुल रजक ने 2000 रुपए में मोबाइल उसके पास गिरवी रखा है। और 1 सप्ताह बाद आकर वापस लेने की बात कहकर चला गया है। लेकिन जब पिता-पुत्र की गैर मौजूदगी में मृतक का भाई प्रकाश कुमार रजक सहित राहुल के परिजन जब पहुँचे तो संतोष गुप्ता की पत्नी ने कहा कि मोबाइल को उसके किसी घुलघुली निवासी युवक ने बेचा है। परिजनों को इसी बात पर शक हुआ पुलिस भी लगातार पूछताछ कर रही थी।
सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि संदेहियो के द्वारा की शव को कुँए में डालने की जानकरी दी गई है। वही जब युवक की गुमशुदगी के 12 वें दिन जब पता चला कि संतोष गुप्ता के घर के ठीक पीछे लगभग 500 मीटर की दूरी के आसपास अनुपयोगी कुएँ में राहुल रजक की लाश पड़ी है।कुएं के आसपास ऐसी कोई जगह नही है। जहां रात के अंधेरे में बैठना मुनासिब हो।
सूत्रों से जानकारी यह भी मिल रही है कि घटना 21 जुलाई की रात की ही है जब राहुल रजक को मौत के घाट उतार कर योजनबद्ध तरीके से उसके शव में लगभग 40 किलो के पत्थर को बांध कर कुएं में शव को सड़ने गलने के लिए डाल दिया गया।
- घटनास्थल पर यदि युवक को मौत के घाट उतार कर लगभग 40 किलो का पत्थर जिसे शाल में बांध कर मृतक से बांधकर अगर कुएं में डाला भी गया होगा तो बांधने के लिए रस्सी कहा से मिली?
- कुएं में पत्थर से बंधी शाल भी मिली है यदि कुएं के पास बैठकर शराब पीने के बाद घटना को अंजाम दिया गया तो गीली जमीन पर बैठने के लिए छोटी शाल क्यों लाई गई ?
- कहीं ऐसा तो नही है कि शव को शाल से उठाकर घटनास्थल तक लाया गया है ?
- कुएँ तक लाने के लिए क्या एक से अधिक आरोपियो ने सहभागिता निभाई या एक आरोपी ने ही उसे कुएँ में लाकर डाल दिया ?
- क्या किसी पुरानी रंजिस या फिर बड़े लेनदेन को पटाक्षेप करने के लिए घटना को अंजाम दिया गया ?
- या नशे की हालात में कहासुनी के दौरान हाथापाई में जान गई ?
- मृतक की बाइक राष्ट्रीय राजमार्ग 43 के दूसरी ओर सरस्वती स्कूल के पास झाड़ियों में मिली है अगर घटना इस स्पॉट में हुई तो शव को रोड क्रॉस करवाने की जहमत क्या एक अकेला उठा सकता है? या हो सकता है बाइक को दूसरी दिशा में फेककर भृमित करने का प्रयास किया गया हो क्योंकि क्षेत्र जानकार बताते है कि जहाँ बाइक मिली है वहा पास ही ऐसी लोकेशन है अगर शव को वहां डाल दिया गया होता तो मिलने में बड़ी मुश्किल होती ?
- वही संतोष गुप्ता के घर से 100 से 150 मीटर की दूरी और कुएँ के बीच हेडफोन भी मिला है जो कि मृतक का बताया जा रहा है कैसे यह यहाँ पहुँचा ?
- संदेही के घर के आसपास के ग्रामीण यह भी बता रहे हैं कि जो पत्थर मृतक के साथ बाँधा गया था ऐसे ही 2-3 पत्थर संदेही के घर में अभी भी रखे हुए हैं।
- क्या एक अकेला आरोपी शव और पत्थर को उठाकर ले जा सकता है ?
- पत्थर बांधने के लिए उपयोग में ली गई रस्सी कुएँ से पानी निकालने वाली प्रतीत होती है ये रस्सी कहा से आई ?
- घटना और घटना के बाद मामले को रफा दफा करना क्या एक अकेले आरोपी के दम पर हो सकता है ?
- घटनास्थल पर झाड़ियों में कुल्हाड़ी भी पड़ी हुई मिली है क्या यही वह औजार है जिससे मारकर युवक को मौत के घाट उतारा गया ?
- क्या मृतक सिर्फ नशा करने के लिए अपने गाँव कछरवार से विपरीत दिशा में उमरिया से 15 -20 किलोमीटर दूर आया था या किसी विवाद को सुलझाने के लिए वह इतनी दूर पहुँचा था ?
ऐसे तमाम यक्ष प्रश्न घटना के बाद परिजनों और घटनास्थल के आसपास रहने वाले ग्रामीणों के दिमाग मे कौंध रहे हैं। अपराध करने वाले को यह अंदेशा नही रहता की जिस तरह से अभिभावकों के सामने छोटे बच्चे बहाने बनाते है और उन्हें अविभावक पलक झपकते ही पकड़ लेते हैं वही एक आरोपी की हालात पुलिस के सामने रहती है। एसपी उमरिया के नेतृत्व में उमरिया पुलिस तमाम तारों को जोड़ने में लगी हुई है जल्द ही उमरिया पुलिस घटना की असल सच्चाई सामने लाएगी और मृतक सहित परिजनों को न्याय दिलाएगी। और जिन्होंने ने भी इस हत्याकांड को अंजाम दिया हैं उन्हें सलाखों के पीछे भेजने का काम करेगी।