Wilf Life Crime : मध्यप्रदेश के लिए यह गौरव की बात है की प्रदेश को टाइगर स्टेट के नाम से भी जाना जाता है,पूरे देश भर में सबसे अधिक बाघों की संख्या के लिए प्रसिद्द टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश पर वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन पर्यटन की लोकेशन तो हैं ही साथ ही शिकारियों की नजर भी प्रदेश भर के टाइगर रिज़र्व में बनी रहती है. सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र कामती/चूरना के जंगल में बाघ के शिकार के मामले करीब सात साल बाद मंगलवार को सीजीएम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए करीब 28 आरोपियों को सजा सुनाई गई। सीजीएम न्यायालय रितु वर्मा कटारिया मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नर्मदापुरम ने अपने निर्णय में आज बाघ के शिकार के मामले में 28 आरोपियों को 5- 5 साल की सजा और 10- 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। मामले में 7 आरोपी अभी फरार भी फरार चल रहे है। जिसमें अंतरराष्ट्रीय शिकारी जे तमांग भी शामिल है जिसे भारत सरकार के द्वारा रेड का कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है जो फरार चल रहा है। वही दो आरोपियों की मौत हो चुकी है।
फरार अंतर्राष्ट्रीय 07 आरोपी
- जय तमांग चीन
- अटूप बोगप्पा नेपाल
- एहो नोरबू चीन
- टरके लाम्बा नेपाल
- सितार तमांग नेपाल
- तासी शेरपा नेपाल
- लांचु गप्पा यागचेन सिक्किम महिला
जानिए कौन हैं जय तमांग
बाघ की खाल के साथ गिरिफ्तार हुए थे आरोपी :
जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि 13 जुलाई 2015 को सतपुड़ा टाईगर रिजर्व, नर्मदापुरम के वन परिक्षेत्र कामती/चूरना के शासकीय जंगल कोर क्षेत्र में महावत मनीराम एवं गन्नूलाल ने गश्ती के दौरान 8-10 व्यक्तियों को वन परिक्षेत्र कामती के शासकीय जंगल में अवैध प्रवेश करते हुए देखा। इसकी सूचना उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। मौके पर आरोपीगणों का पीछा किया गया। लेकिन वे जंगल में भाग गये थे। आरोपीगणों के पदचिन्हों का पीछा किया। घटना स्थल की तलाशी लेने पर वन्य प्राणी पैंगोलिन की खपडियां, चाकू एवं अन्य सामाग्री घटना स्थल पर मिली थी। मप्र टाईगर स्ट्राईक फोर्स के अधिकारियों के द्वारा विवेचना के दौरान आरोपियों से वन्य प्राणी बाघ (टाईगर) की एक खाल जब्त की गयी थी।
Red Corner Notice नोटिस क्या है?
Red Corner Notice को रेड नोटिस भी कहा जाता है। जब भी कोई व्यक्ति कोई अपराध करता है और दूसरे देश भाग जाता है तो देश के साथ-साथ दुनिया की पुलिस को सतर्क करने के लिए एक नोटिस जारी किया जाता है। इसे रेड कॉर्नर नोटिस कहते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांछित भगोड़ों के बारे में दुनिया भर के पुलिस बलों को सतर्क करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। रेड कॉर्नर नोटिस दुनिया भर में कानून प्रवर्तन के लिए एक अनुरोध है जो प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्यवाही के लिए लंबित व्यक्ति का पता लगाने और अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने के लिए है। यह अनुरोधकर्ता देश में न्यायिक अधिकारियों द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट या अदालती आदेश पर आधारित है। किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना है या नहीं, यह तय करने के लिए सदस्य देश अपने स्वयं के कानून लागू करते हैं।
Red Corner Notice गिरफ्तारी का वारंट नहीं :
किसी भी देश द्वारा रेड नोटिस तब जारी किया जाता है जब कोई अपराधी अपराध से बचने के प्रयास में दूसरे देश में भाग जाता है। रेड नोटिस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांछित भगोड़ों के बारे में दुनिया भर की पुलिस को सचेत करता है। यहां यह स्पष्ट करना जरूरी है कि रेड कॉर्नर नोटिस अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी का वारंट नहीं है। यह दुनिया भर के पुलिस बलों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय अलर्ट है। यह नोटिस दुनिया भर के सभी पुलिस विभागों के लिए सिर्फ एक अनुरोध है। रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई अपराध साबित नहीं होता है। रेड नोटिस तभी जारी किया जा सकता है जब कानून की नजर में अपराध गंभीर हो। इनमें हत्या, बड़ी चोरी, चोरी या बलात्कार जैसे अपराध शामिल हैं। एक रेड कॉर्नर नोटिस में एक वांछित अभियुक्त की पहचान की जानकारी होती है, जैसे कि उसका नाम, जन्म तिथि, राष्ट्रीयता, बाल और आंखों का रंग, तस्वीर और, यदि उपलब्ध हो, उंगलियों के निशान।
इंटरपोल क्या है?
इस कड़ी में एक शब्द आता है, वह है ‘इंटरपोल’। सरल भाषा में इंटरपोल को अंतर्राष्ट्रीय पुलिस के रूप में समझा जा सकता है। विश्व के 192 देश इसके सदस्य हैं। रेड कॉर्नर नोटिस उन 192 देशों द्वारा भी जारी किया जा सकता है जो इंटरपोल के सदस्य हैं। एक टास्क फोर्स द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस या रेड नोटिस की सिफारिश की जांच की जाती है। साथ ही यह भी देखा जाता है कि जो भी सिफारिश की गई है वह इंटरपोल के नियमों के मुताबिक है या नहीं? इंटरपोल द्वारा नोटिस भी जारी किया जाता है यदि नोटिस सभी नियमों के अनुपालन में जारी किया जाता है।
इंटरपोल किसी भी देश में कानून प्रवर्तन अधिकारियों को रेड नोटिस के अधीन किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। प्रत्येक सदस्य राज्य यह तय करता है कि वह लाल नोटिसों और उनके कानून प्रवर्तन अधिकारियों को गिरफ्तार करने की शक्तियों से क्या कानूनी मूल्य जोड़ता है।
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