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50 सेकंड में चली 18 गोलियां और दफ़न हो गए कई राज ये रहीं 6 थ्योरी

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अतीक और अशरफ की हत्या के बाद यूपी में धारा 144 लागू कर दी गई है, जहां पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है और जहां इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन हमलावरों के इरादे क्या थे, यह अभी साफ नहीं हो पाया है.  मीडियाकर्मी बनकर आए हमलावरों ने प्रयागराज के कोल्विन अस्पताल में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी. माफिया अतीक और अशरफ को मेडिकल जांच के लिए यहां लाया गया था। कुछ समय पहले प्रयागराज के कसारी-मसारी में दोनों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार बरामद हुए थे. पुलिस की गाड़ी से उतरकर हमलावरों ने दोनों का खेल 22 सेकेंड में खत्म कर दिया और इसी के साथ अतीक को पुलिस को जो राज बताना था वह दब गया.

अतीक और अशरफ की हत्या के बाद यूपी में धारा 144 लागू कर दी गई है, जहां पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है और जहां इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन हमलावरों के इरादे क्या थे, यह अभी साफ नहीं हो पाया है. क्या ये हमलावर सिर्फ पब्लिसिटी के लिए इतना बड़ा रिस्क लेने आए थे या इन्हें किसी और ने उकसाया था?

1- किसी को था राज खुलने का डर

अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ 13 से 17 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर थे। दोनों से लगातार पूछताछ की जा रही थी। इस पूछताछ की गंभीरता को समझें ताकि समय बर्बाद न हो, पुलिस अतीक को उनके बेटे असद के अंतिम संस्कार में भी नहीं ले गई. पुलिस ने अतीक से करीब 23 घंटे तक पूछताछ की, इस दौरान उससे 200 सवाल पूछे गए। पुलिस के मुताबिक, अतीक ने उमेश पाल हत्याकांड से लेकर पाकिस्तान से हथियार खरीदने तक कई गुनाह कबूल किए थे।

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पुलिस ने उस चैनल का पता लगाने की कोशिश की, जिसके जरिए हथियार पाकिस्तान से पंजाब और वहां से इलाहाबाद आ रहे थे। इसी तरह उमेश पाल हत्याकांड में कैसे रची गई पूरी साजिश और इसमें कौन-कौन शामिल थे? इसके अलावा भी कई राज थे जिनके बारे में पुलिस अतीक से जानना चाहती थी. हो सकता था कि 17 अप्रैल तक की पूछताछ में पुलिस के और भी अहम राज खुलते, लेकिन अतीक और अशरफ इससे पहले ही मारे जा चुके थे.

2- क्या डी कंपनी ने किया रास्ता साफ

पुलिस पूछताछ में अतीक अहमद ने स्वीकार किया कि ये हथियार पाकिस्तान से आ रहे थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसने पुष्टि की कि हथियारों का इस्तेमाल ड्रोन की मदद से पाकिस्तान से सीमा पार करने के लिए किया गया और फिर पंजाब में एक फार्म हाउस में रखा गया। .

जाहिर है इस पूरे मामले में अतीक का गैंग ही शामिल नहीं हो सकता है. डी कंपनी या पंजाब के किसी बड़े गैंग की मिलीभगत के बिना यह पूरी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती थी. पुलिस की जांच चल रही थी, ऐसे में क्या यह संभव है कि यह डी कंपनी खुद को बचाने के लिए अतीक और अशरफ को मार दिया गया हो.

3- क्या जानी दुश्मन ने ली जान

अतीक अहमद के कई जाने-पहचाने दुश्मन थे, क्योंकि उस पर अंडरवर्ल्ड में उदय के बाद से लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया गया था। उन्हें जान से मारने की कई धमकियां भी मिलीं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या किसी ने मिलकर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर बदला लिया, पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हत्या से तीन दिन पहले हमलावरों ने रेकी की, मीडिया के तौर पर डमी कैमरे लेकर आए. व्यक्ति., तो यह स्पष्ट है कि इतनी बड़ी साजिस प्री प्लान थी., केवल 3 दिन की रेकी का मतलब है कि यह ठीक से नियोजित था.

4- क्या मुन्ना बजरंगी की तरह किया गया सूट

2018 में बागपत जेल में बंद मुन्ना बजरंगी की जेल के अंदर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मुन्ना बजरंगी पूर्वांचल का डॉन था, जिसे हत्या के एक दिन पहले बागपत जेल में शिफ्ट किया गया था. नौ जुलाई की सुबह नौ बजे से तन्हाई बैरक में जाने के बाद शार्प शूटर सुनील राठी ने उसे गोली मार दी थी. पिस्टल जेल के अंदर कैसे पहुंचा इसका पता आज तक नहीं चल पाया है। बाद में सुनील राठी ने ही कहा कि मुन्ना बजरंगी ने उसे छेड़ा था, इसलिए गुस्से में उसे मार डाला। इस मामले में सीबीआई जांच की भी सिफारिश की गई थी।

5- क्या सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए मारा

अतीक अहमद के हत्यारों के नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य हैं। तीनों पुलिस हिरासत में हैं। इनमें बांदा के लवलेश, कासगंज के सनी और हमीरपुर के अरुण शामिल हैं। तीनों ने कहा है कि अतीक की हत्या के पीछे का मकसद पब्लिसिटी हासिल करना था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक तीनों हमलावरों ने कबूल किया है कि वे बड़े शार्प शूटर बनना चाहते थे. अतीक अहमद बड़ा माफिया है, इसलिए उसने उसके साथ शुरुआत की ताकि उसका नाम आ सके। लेकिन पुलिस खुद इस थ्योरी पर यकीन नहीं कर पा रही है.

6- नजदीकी ने कराई हत्या 

एक बड़ा कारण इसमें यह भी हो सकता है कि अतीक अहमद का कोई नजदीकी बचे कुचे साम्राज्य को बचाने के लिए दोनों भाइयों की हत्या करवा दिया हो.फिलहाल जिस तरह की बयानबाजी हमलावर कर रहे हैं यह पुलिस सीधे तौर पर स्वीकार नही कर पा रही है,हमलावरों ने जय श्री राम की नारेबाजी कर गुमराह करने का काम कर रहे हैं.

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