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10 दिन बाद मिला बाघ का सिर शिकारी अभी भी गिरफ्त से दूर

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के चूरना रेंज में 25 जून को एक बाघ का शिकार शिकारियों ने किया था। बाघ का सर शिकारी काट कर ले गए थे। जिसके बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था। वही एसटीआर को बाघ के कटे हुए सिर मिलने में सफलता मिली है। सघन चेकिंग के दौरान एसटीआर टीम द्वारा ग्राम धांसाई के भीम कुंड के पास बीट गार्डों को एक सर मिलने की सूचना मिली थी, जिसे नाले के पास कुत्ते नोच कर खा रहे थे, जिसकी खाल पूरी तरह सड़ चुकी थी। जिसके बाद दो डॉग स्कॉट टीम द्वारा सर्चिंग कर एवं डॉक्टरों के परीक्षण के बाद बाघ के सर को फोरेंसिक लैब जबलपुर पहुंचा दिया गया है। वहीं एसटीआर प्रबंधन शिकारियों की तलाश में अभी भी जुटी है।

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प्रबंधन के अनुसार सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अंतर्गत चूरना परिक्षेत्र के डबरा बिट में 25 जून को हुए बाघ शिकार का शिकार का मामला सामने आया था, सतपुडा टाइगर रिजर्व एवं एस.टी.सी.एफ. जांच दल द्वारा वनक्षेत्र, राजस्व क्षेत्र एवं गांवों में गश्ती एवं पूछताछ की जा रही है। मामले को लेकर स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है। आज सुबह 6 जुलाई को सुबह 06 बजे बीटगार्ड ग्राम धासई नारायण प्रसाद लोधी एवं सुरक्षा श्रमिक धासई नाके से गश्ती के लिए धांसई- भीमकुण्ड रोड पर रवाना हुए। रास्ते में नाके से लगभग 200 मीटर की दूरी पर गुड्डी नाले पर बने रपटे के ऊपर मांस का बड़ा टुकडा पड़ा हुआ था, जिसे दो कुत्ते पकड़ कर खा रहे थे।

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बीटगार्ड के द्वारा कुत्तों को भगाकर मांस के टुकडे को देखा गया तो वह टाइगर का कटा हुआ सिर था, जिसकी खाल सड़ चुकी थी। सिर की हड्डी पर मांस लगा हुआ था एवं केनाईन पास में पड़े पाए गए। मामला बफर रेंज के कक्ष क्रमांक 436 एवं राजस्व की सीमा पर पड़ता है। उपसंचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम् संदीप फैलोज, अधीक्षक बोरी अभ्यारण्य इटारसी एवं परिक्षेत्र अधिकारी तथा बफर ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया।

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टाइगर के पाए गए कटे हुए सिर एवं अन्य अवयवों को जप्त किया गया। एसटीआर एवं रातापानी के डॉग स्क्वाड को घटना स्थल पर बुलाकर संदिग्ध की जांच की गई। डॉग स्क्वाड के द्वारा धांसई ग्राम के कुछ स्थानों को चिन्हित किया है। वहीं वन्यप्राणी चिकित्सक रातापानी को बुलाकर पाए गए मृत टाइगर के सिर का परिक्षण किया गया एवं माप ली गई। बाल, मांस आदि अन्य के सेम्पल लेकर सील किया गया। कटे हुए सिर एवं अन्य सेम्पल को वाइल्ड लाइफ फोरेंसिक एण्ड हेल्थ सेंटर जबलपुर को अग्रिम परिक्षण हेतु प्रेषित किया गया। प्रकरण में आगामी विवेचना जारी है।

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दरअसल एसटीआर की चूरना रेंज की डबरा बीट में 26 जून को एक बाघ का शव करीब पांच दिन पुराना सड़ी गली हालत में मिला था जिसका सर नही था। जिसकी जानकारी लगने के बाद प्रदेश भर में हड़कंप मचा हुआ है। शिकार के बाद रिजर्व की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ते हुए शिकारी बाघ का शिकार कर उसका सिर काट ले गए। एक सप्ताह पहले(26 जून) को करीब पांच दिन पुराना बाघ का शव सड़ी गली हालात में मिला था। इस दौरान सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का स्टाफ बायसन को संजय टाइगर रिजर्व सीधी सिफ्ट करने में व्यस्त रहा ।

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पूरे मामले को लेकर फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि आज सुबह धंसाई बैरियर के पास 200 मीटर की दूरी पर बाग का सर मिला है। सुरक्षा गार्ड ने यह देखा उसे हमने जप्त किया है। उसमें पूरा अंग सुरक्षित था फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि संभवत उसी बाघ का यह सर होना चाहिए जिसका हमने सैंपल ले लिया है। उसे हम जबलपुर भेज चुके हैं, यह प्रकरण शिकार से जुड़ा हुआ है।

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सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और टाइगर स्ट्राइक फोर्स द्वारा निरंतर गस्ती और पूछताछ भी की जा रही है। बाघ की रिपोर्ट आई है कि करंट देकर शिकार किया है, अभी और भी रिपोर्ट आना बाकी है। जांच के बाद ही आगे का अपडेट पता चलेगा डायरेक्टर ने बताया कि हम सभी से पूछताछ कर रहे हैं। ड्राइवर, चौकीदार, चरवाहे और भी लोगों से पूछताछ जारी है। जिसने फांसी लगाया था उसको लेकर भी हम जांच करेंगे साथ ही पुलिस भी उसको लेकर जांच कर रही है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि उसका इससे  क्या संबंध है।

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Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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