अजय शहडोल / शब्दों को अपने अंदाज में पिरो कर काव्य गढऩे और पढऩे वाले महान कवि कुमार विश्वास ने आदिवासी बाहुल्य शहड़ोल जिले के कोयलांचल नगरी में की नगरी बुढार में आयोजित कवि सम्मेलन में अपने चार कवियों के साथ शिरकत फरमाया ,जहां उन्होंने
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है। इन पक्तियों के साथ समा बांध दियाऔर चुटीले प्रसंगों व अंदाज को संजोया और राजनेताओ खूब जमकर धोया तो वही कंगना राणावत व पूर्व मुख्यमन्त्री शिवराज की जमकर तारीफ की जमकर तारीफ की , कवि डॉक्टर विश्वास को सुनने के लिए मध्यप्रदेश के अलग अलग जिलो के आलावा छत्तीसगढ़ यूपी से भी लोग आए थे ….
आदिवासी बाहुल्य शहड़ोल जिले के कोयलांचल नगरी बुढार के कॉलेज ग्राउंड में सामाजिक संस्था के द्वारा एक विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था, देश के महान कवि डॉ कुमार विश्वास के साथ कवि दिनेश बाबरा, सुदीप भोला, कौशल कुसलेंद्र , एवम कवित्री डॉ भुवन मोहनी, ने शिरकत फ़रमाई, इन सभी कवियों ने अपने काव्य पाठ के माध्यम से लोगो को आनंदित किया, तो वही महान कवि डॉ विश्वास ने रामकथा से शुरुआत की जहां उन्होंने कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है। इन पक्तियों के साथ समा बांध दियाऔर चुटीले प्रसंगों व अंदाज को संजोया और राजनेताओ खूब जमकर धोया तो वही कंगना राणावत व पूर्व मुख्यमन्त्री शिवराज की जमकर तारीफ की जमकर तारीफ की , कवि डॉक्टर विश्वास को सुनने के लिए मध्यप्रदेश के अलग अलग जिलो के आलावा छत्तीसगढ़ यूपी से भी लोग आए थे ….