भारत के लक्ष्य सेन बेशक आज पेरिस ओलिम्पिक्स के ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में मलयेशिया के ली ज़ी जिया से 21-13, 16-21, 11-21 से हार गए…लेकिन इस युवा खिलाड़ी ने दिखा दिया, इसमें कितनी अपार संभावनाएं हैं…
इससे पहले लक्ष्य सेन ओलिम्पिक्स के इतिहास में पहले ऐसे भारतीय पुरुष बने जिन्होंने सेमीफाइनल तक का सफ़र तय किया…ली ज़ी जिया की वर्ल्ड में 7वीं और लक्ष्य सेन की 22वीं रैंकिंग है…
पहला गेम लक्ष्य ने आसानी से 21-13 से जीता…लेकिन दूसरा गेम ली ज़ी जिया ने 21-16 से जीत कर वापसी की…तीसरे गेम में दाएं बाजू में तक़लीफ़ ने लक्ष्य को परेशान रखा…वो पट्टी बंधा बंधा कर खेलते रहे…आखिर ली ज़ी जिया ने तीसरा गेम 21-11 से अपने नाम कर लिया…
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तीसरे गेम में लक्ष्य बाज़ू में तकलीफ़ के कारण संघर्ष करते दिखे…ट्रीटमेंट का भी असर नहीं दिखा…लक्ष्य ली ज़ी जिया के पॉवरफुल शाट्स का सामना नहीं कर पा रहे थे…
ओलिम्पिक्स बैडमिंटन के इतिहास में भारत के लिए अब तक दो महिलाओं ने तीन मेडल जीते है…साइना नेहवाल ने लंदन ओलिम्पिक्स 2012 में ब्रॉन्ज मेडल जीता…फिर पीवी संधू ने 2016 में रियो ओलिम्पिक्स में सिल्वर और 2020 टोक्यो ओलिम्पिक्स में ब्रॉन्ज जीता था…
उत्तराखंड के मूल निवासी 22 साल के लक्ष्य सेन को सेमीफाइनल में पिछली बार के चैम्पियन विक्टर ऐक्सल्सन से 20-22, 14-21 से हार मिली थी…लेकिन वर्ल्ड नंबर 2 विक्टर ऐक्सल्सन ने लक्ष्य की खूब तारीफ़ की और उनमें वर्ल्ड का नंबर 1 खिलाड़ी बनने के पूरे गुण बताए..
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