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खजुराहो में सांस्कृतिक संध्या “देशज” का शुभारम्भ 

मध्यप्रदेश  शासन संस्कृति विभाग द्वारा स्थापित ‘आदिवर्त‘ जनजातीय लोककला राज्य संग्रहालय- खजुराहो में प्रत्येक रविवार को नृत्य, नाट्य, गायन एवं वादन पर केन्द्रित समारोह ‘देशज‘ का आयोजन किया जाता है। गतिविधि की शुरूआत अंशिका राजोतिया एवं साथियां द्वारा बुन्देली संस्कार गीत ...

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आदित्य

खजुराहो में सांस्कृतिक संध्या "देशज" का शुभारम्भ 

मध्यप्रदेश  शासन संस्कृति विभाग द्वारा स्थापित ‘आदिवर्त‘ जनजातीय लोककला राज्य संग्रहालय- खजुराहो में प्रत्येक रविवार को नृत्य, नाट्य, गायन एवं वादन पर केन्द्रित समारोह ‘देशज‘ का आयोजन किया जाता है। गतिविधि की शुरूआत अंशिका राजोतिया एवं साथियां द्वारा बुन्देली संस्कार गीत से की गई,  प्रस्तुति के दौरान कलाकारों ने देवीगीत, बुन्देली भजनों की प्रस्तुति दी…  

खजुराहो में सांस्कृतिक संध्या "देशज" का शुभारम्भ 

वहीं अश्वनी कुशवाहा छतरपुर द्वारा बुन्देली लोकगीत प्रस्तुत किये गए, कलाकारों ने चेतावनी भजन, बिलवारी, लेद, ढिमरियाई, राई, भगत दर्शकों के सामने प्रस्तुत किये, वहीं कार्यक्रम का समापन अशोक कुमार मार्को एवं साथी द्वारा गुदुमबाजा नृत्य से कि गई, गुदुमबाजा नृत्य गोण्ड जनजाति की उपजाति ढुलिया का पारम्परिक नृत्य है,  ढुलिया जनजाति के कलाकारों द्वारा गुदुम, ढफ, मंजीरा, शहनाई, टिमकी आदि वाद्यों के साथ जनजातियों के पारम्परिक गीतों की धुनों पर वादन एवं नर्तन किया जाता हैं। विशेषकर विवाह के अवसर पर इस जाति के कलाकारों को मांगलिक वादन के लिए अनिवार्य रूप से आमंत्रित करते हैं एवं अन्य आनुष्ठानिक अवसरों पर भी इन्हें वादन के लिए आमंत्रित किया जाता है।

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