Nautapa 2023: इस साल इस दिन से शुरू होगा नौतपा जाने इसका ज्योतिषीय और वैज्ञानिक कारण - खबरीलाल.नेट
25.1bhopal

Nautapa 2023: इस साल इस दिन से शुरू होगा नौतपा जाने इसका ज्योतिषीय और वैज्ञानिक कारण

Nautapa 2023 Date and Importance Information :  हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह में ग्रीष्म ऋतु के साथ ही नौतपा शुरू हो जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, नौतपा तब शुरू माना जाता है जब सूर्य भगवान चंद्र नक्षत्र यानी ...

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Sanjay Vishwakarma

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Nautapa 2023 Date and Importance Information :  हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह में ग्रीष्म ऋतु के साथ ही नौतपा शुरू हो जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, नौतपा तब शुरू माना जाता है जब सूर्य भगवान चंद्र नक्षत्र यानी रोहिणी में प्रवेश करते हैं। सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में कुल 15 दिनों तक रहते हैं। इसके शुरुवाती दिनों में  नौ दिन सबसे गर्म होते हैं। क्योंकि इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं और भीषण गर्मी का अनुभव होता है। यहां जानिए इस बार कब से शुरू होने जा रहा है नौतपा। साथ ही जानेंगे इसके वैज्ञानिक और ज्योतिषीय तथ्य भी।

नौतपा क्या है ?

नौतपा 9 दिनों की अवधि की एक महत्वपूर्ण मौसमी घटना है। यह तब शुरू होता है जब सूर्य भगवान रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए प्रवेश करते हैं और पहले 9 दिनों के लिए पृथ्वी बहुत ज्यादा गर्म हो जाती है। इन पहले 9 दिनों को नौतपा कहा जाता है। क्योंकि इस दौरान सूर्य किरण पृथ्वी पर लंबवत रूप से गिरतीं है। यह आमतौर पर मई-जून के महीनों के बीच आता है।

नौतपा 2023 कब से कब तक ?

नौतपा हर गर्मी के मौसम में मई और जून के महीनों के बीच आता है। ज्योतिष के अनुसार इस बार सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में 22 मई सोमवार को सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर प्रवेश करेंगे। सूर्य रोहिणी नक्षत्र में गोचर करने के बाद शुक्रवार 2 जून को सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर दूसरे नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इस तरह इस वर्ष सूर्य 12 दिन ही रोहिणी नक्षत्र में रहेगा। आपको बता दें कि इस साल नौतपा 22 मई से शुरू हो रहा है, जो शुरू के 9 दिनों तक चलेगा।

 नौतपा का वैज्ञानिक आधार

नौतपा न केवल ज्योतिष में बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। तदनुसार, नौतपा के दौरान, सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं, जिससे तापमान सबसे अधिक होता है। तापमान में वृद्धि से मैदानी भागों में निम्न दाब का क्षेत्र बन जाता है, जो समुद्र की लहरों को अपनी ओर आकर्षित करता है। जिसके कारण पृथ्वी के कई हिस्सों में ठंडी हवाएं, तूफान और बारिश का अनुभव होने की संभावना हो जाती है।

नौतपा के ज्योतिषीय तथ्य

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार चंद्र देव रोहिणी नक्षत्र के स्वामी और शीतलता के कारक हैं। ऐसे में जब सूर्य रोहिणी में गोचर करता है तो वह नक्षत्र को भी अपने प्रभाव में ले लेता है। जिससे धरती बिल्कुल भी ठंडी नहीं हो पाती है। ऐसे में तापमान बढ़ने लगता है और गर्मी काफी बढ़ जाती है। नौतपा का उल्लेख ज्योतिषीय सूर्य सिद्धांत और श्रीमद्भागवत में भी मिलता है।

Article By आदित्य विश्वकर्मा 

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