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PM SVANidhi योजना में ओबीसी वर्ग के 44 प्रतिशत लोगो को मिला लाभ वही 9,100 करोड़ रुपये 70 लाख वेंडरों के बीच हुए वितरित

PM SVANidhi Scheme: मोदी सरकार की पीएम-स्वनिधि योजना की सराहना करते हुए एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लगभग 75 प्रतिशत लाभार्थी गैर-सामान्य श्रेणी से आते हैं।

PM SVANidhi Scheme: स्ट्रीट वेंडरों के लिए मोदी सरकार की पीएम-स्वनिधि योजना की सराहना करते हुए एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लगभग 75 प्रतिशत लाभार्थी गैर-सामान्य वर्ग से आते हैं, जिनमें से ओबीसी की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, सूक्ष्म ऋण योजना ‘पीएम स्वनिधि’ के तहत आवंटित कुल ऋण वितरण में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का हिस्सा 22 प्रतिशत है, जबकि कुल लाभार्थियों में से 43 प्रतिशत महिलाएं हैं।

एसबीआई शोधकर्ताओं की इस रिपोर्ट के अनुसार, यह तथ्य कि योजना के लगभग 75 प्रतिशत लाभार्थी गैर-सामान्य श्रेणी के हैं, परिवर्तनकारी परिवर्तन लाने के उद्देश्य से योजनाओं की आंतरिक ताकत को दर्शाता है। एसबीआई रिसर्च की यह रिपोर्ट देश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पर केंद्रित राजनीतिक बहस के बीच आई है। विपक्ष अपनी बड़ी आबादी के हिसाब से ओबीसी को हिस्सेदारी देने की मांग कर रहा है, वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है.

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रिपोर्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया घोष एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं।

उन्होंने कहा, “रिपोर्ट योजना की समावेशी प्रकृति को दर्शाती है और इस बात पर प्रकाश डालती है कि यह वित्तीय सशक्तिकरण को कैसे बढ़ावा देती है।”

तीन किस्तों में 70 लाख का ऋण वितरित

प्रधानमंत्री ने रिपोर्ट की मुख्य बातें अपनी वेबसाइट पर भी साझा की हैं. रिपोर्ट के अनुसार, योजना के तहत अब तक तीन किस्तों में लगभग 70 लाख ऋण वितरित किए जा चुके हैं, जिनकी कुल कीमत 9,100 करोड़ रुपये से अधिक है। इससे 53 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को फायदा हुआ है.

क्या है पीएम स्वनिधि योजना?

शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम स्वनिधि योजना ने रास्ते में सामुदायिक बाधाओं को तोड़कर हाशिए पर रहने वाले शहरी छोटे व्यापारियों को निर्बाध रूप से एकीकृत किया है। इसके मुताबिक, 10,000 रुपये का पहला कर्ज चुकाकर 20,000 रुपये का दूसरा कर्ज लेने वाले लोगों का अनुपात 68 फीसदी है. 20,000 रुपये का दूसरा और 50,000 रुपये का तीसरा लोन लेने वालों का अनुपात 75 फीसदी है.

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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