मध्यप्रदेश को Tiger State का दर्जा दिलाने मे अपनी अहम भूमिका निभाने वाले Bandhavgarh Tiger Resrve मे बाघों की अधिक संख्या पूरे विश्व भर के वन्यजीव प्रेमियों को आकर्षित करती हैं यही कारण हैं की बांधवगढ़ नेशनल पार्क मे भारत के साथ साथ विश्व के कोने कोने से वन्यजीव प्रेमी बाघ दर्शन करने के लिए पहुचते हैं।
बाघिन तारा शावक बने आकर्षण का केंद्र :
बाघिन तारा ने 6 माह पूर्व 02 शावकों(Cubs) को जन्म दिया था बाघिन तारा मॉर्निंग सफारी के दौरान अचानक पर्यटकों की जिप्सी के सामने से गुजरी वही Tigress Tara के पीछे पीछे 02 नन्हें शावक अपनी माँ के साथ कदम ताल करते हुए बढ़ी ही स्फूर्ति के साथ दौड़ते हुए पर्यटकों को दिखाई दिए। Tigress Tara के नक्शेकदम पर चलकर जंगल का कानून सीख रहे हैं, बाघ दर्शन की एसी दुर्लभ तस्वीर देखकर पर्यटक रोमांचित हो उठे वही कुछ पर्यटकों ने उक्त क्षण को अपने मोबाइल कैमरे मे कैद कर लिया और सोशल मीडिया मे वायरल करने लगे।
कौन हैं बाघिन तारा :
मध्यप्रदेश को टाईगर स्टेट का दर्जा दिलाने मे बाघिनों का विशेष योगदान हैं,बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के नेचुरलिस्ट जगत चतुर्वेदी बताते हैं की बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व मे वर्तमान मे Tigress Sita और Tiger Charger की 11वीं पीढ़ी विद्यमान हैं, Tigress Tara की माँ पुरानी डमडमा बाघिन भी बाघिन सीता की तीसरी पीढ़ी की संतान है। वर्तमान मे बाघिन तारा ने बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के खितौली कोर ज़ोन मे खितौली गेट के पास मौजूद डमडमा नाला और उसके आसपास के जंगल मे अपनी तरेटरी बना रखी हैं। बाघिन मौजूदा शावकों के और शावकों के पिता Tiger Chota Bheem के साथ यही निवासरत हैं।
तीन शावकों की पहले हो चुकी हैं मौत :
इन 02 शावकों के पहले Tigress Tara ने तीन मेल शावको को जन्म दिया था लेकिन तीनों शावकों को एक बाघ ने मौत के घाट उतार दिया था। फिलहाल ये शावक अपनी माँ तारा और पिता छोटा भीम के साथ सुरक्षित जंगल मे विचरण कर रहे हैं।