IMD Alert MP : पिछले 24 घंटो के दौरान प्रदेश के इंदौर, जबलपुर संभागों के जिलों में कहीं कहीं वर्षा दर्ज की गई; नर्मदापुरम, ग्वालियर, रीवा संभागों के जिलों में हल्की बूंदा बांदी दर्ज की गई एवं शेष सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा ।
अधिकतम तापमान शहडोल संभाग के जिलों में कल की तुलना में 5.3°C तक विशेषरूप से गिरे, नर्मदापुरम, रीवा, जबलपुर संभागों के जिलों में कल की तुलना में 2.1 से 3.1 °C तक काफी गिरे एवं शेष सभी संभागों के जिलों के तापमानों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ ।
वे शहडोल संभाग के जिलों में सामान्य से 3.7°C तक काफी कम रहे; नर्मदापुरम, रीवा संभागों के जिलों में जिलों में सामान्य से 1.6 से 1.7°C तक कम रहे; ग्वालियर संभाग के जिलों में सामान्य से 1.9°C तक अधिक रहे एवं शेष सभी संभागों के जिलों में सामान्य रहे।
न्यूनतम तापमान भोपाल, उज्जैन संभागों के जिलों में कल की तुलना में 2.4 से 3.2°C तक काफी गिरे, रीवा संभाग के जिलों में कल की तुलना में 3.3°C तक काफी बढ़े; शहडोल संभाग के जिलों में कल की तुलना में 7.5 °C तक विशेषरूप बढ़े एवं शेष सभी संभागों के जिलों के तापमानों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ ।
वे रीवा संभाग के जिलों में सामान्य से 1.7°C तक अधिक रहे; शहडोल के जिलों में सामान्य से 7.1°C तक विशेषरूप अधिक रहे एवं शेष सभी संभागों के जिलों में सामान्य रहे।
सिनोष्टिक मौसमी परिस्थितियां
पश्चिमी विक्षोभ मध्य क्षोभमंडलीय पछुआ पवनो में एक ट्रफ़ के रूप में जिसकी धुरी माध्य समुद्र तल से 5.8 किमी ऊंचाई पर है, 77° पूर्वी देशांतर से 18° उत्तरी अक्षांश के उत्तर में अवस्थित है।
एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उसके निकटवर्ती क्षेत्रों में माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई तक फैला हुआ है।
वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारें
विदिशा, रायसेन, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, हिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पांडुर्णा, जिलों में।
Orange Alert | वज्रपात / झंझावात / झोंकेदार हवाएं (50-60 किमी/घंटा) / ओलावृष्टि
अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, पांढुर्णा, मैहर जिलों में।
Yellow Alert | वज्रपात / झंझावात / झोंकेदार हवाएं (40-50 किमी/घंटा)
विदिशा, रायसेन, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकला, सिंगरौली, सीधी रीवा, मऊगंज, सतना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी जिलों में।
रखें ये सावधानियाँ
प्रचुर मात्रा में पानी पीकर हाइड्रेटेड रहे और मध्याह्न 12 बजे से 4 बजे तक प्रत्यक्ष सूर्यप्रकाश से बचें।
गर्मी के संपर्क से बचें हल्के वजन के, हल्के रंग के, ढीले सूती कपड़े पहनें, अपने सिर को ढकें, कपड़े, टोपी या छाता का उपयोग करें।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्थानीय अधिकारियों जैसे आधिकारिक स्रोतों से मौसम के पूर्वानुमान और अलर्ट पर नज़र रखें।
आपातकालीन किट में आवश्यक वस्तुएं जैसे कि जल्दी खराब न होने वाला भोजन, पानी, दवाइयां, टॉर्च, बैटरी और प्राथमिक चिकित्सा किट रखें।
परिवहन व्यवस्था सहित निकासी के तरीके के बारे में पहले से योजना बना लें।
घर के अंदर रहें, खिड़कियां और दरवाजे बंद करें और यदि संभव हो तो पात्रा से बचें। सुरक्षित आश्रय लें, पेड़ों के नीचे शरण न लें तथा तूफ़ान के दौरान जल निकायों से तुरंत बाहर निकलें।
कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें।
इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें एवं उन सभी वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती हैं।
जानवरों को खुले पानी, तालाब या नदी से दूर रखें। रात के समय पशु को खुले स्थान पर न रखें।
पशुओं का विशेष ध्यान रखें, पशुओं को विशेष संरक्षित एवं सुरक्षित पशु शेड में रखें। सभी जानवरों को रात के दौरान विशेष रूप से संरक्षित और सुरक्षित पशु शेड में रखा जाना चाहिए।
किसानों के लिए विशेष सलाह
वाष्पीकरण को कम करने के लिए सूखी घास, पत्तियाँ या फसल अवशेषों का उपयोग करमल्चिंग (Mulching) करें।
नमी के लिए प्रतिस्पर्धा को कम करने हेतु हल्कीनिराई-गुड़ाई जैसे अंतरवर्ती क्रियाकलाप करें।
फसलों की नियमित निगरानी करें और आवश्यकता अनुसारजैविक या अनुशंसित रासायनिक नियंत्रण उपाय अपनाएँ।
कटाई के बाद उत्पाद को ठंडी, छायादार और हवादार जगह में संग्रहितकरें।
पशु आश्रयों में छाया (वृक्ष, छप्पर आदि), स्वच्छव ठंडा पीने का पानी और उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
फसों/सब्जियों की आवश्यकतानुसार बार-बार सिंचाईकरें।