मध्य प्रदेश सरकार के जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह पर हाई कोर्ट के सख्त आदेश के बाद में 14 में की देर शाम तक एफआईआर दर्ज की गई। क्योंकि इस मामले में मंत्री विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। वही मंत्री विजय शाह को कड़ी फटकार भी लगाई है।
मंत्री विजय शाह के विवादित बयान के मामले में आज महा अधिवक्ता ने हाई कोर्ट को जानकारी दी है कि माननीय हाई कोर्ट के आदेश के बाद में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। लेकिन माननीय हाई कोर्ट के द्वारा मध्य प्रदेश सरकार के जवाब और FIR की ड्राफ्टिंग पर कड़ा एतराज हटाया गया है। हाई कोर्ट का कहना है कि FIR की ड्राफ्टिंग में अभियुक्त की करतूत का जिक्र ही नहीं किया गया है। अगर इस FIR को चुनौती दी गई तो यह फिर आसानी से रद्द हो जाएगी। FIR का ड्राफ्ट हाई कोर्ट विश्वास पर खरी नहीं उतर रहा है।
कमजोर FIR के ड्राफ्ट को देखते हुए हाईकोर्ट ने पुनः आदेश दिया है कि FIR की ड्राफ्टिंग को बदल जाए। हाई कोर्ट का कहना है कि बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप और बिना किसी दबाव के इस मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच भी होनी चाहिए। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि समर वेकेशन के बाद यह मामला टॉप ऑफ द लिस्ट में शामिल किया जाएगा।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार की जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने एक कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद देश भर में कुँवर विजय शाह के खिलाफ माहौल बन चुका है।