Ahmadabad Plane Crash : हमारे देश के गुजरात राज्य के अहमदाबाद में 12 जून की दोपहर हुए हादसे के बाद पूरे देश में गम का माहौल है। वहीं अब प्लेन के पायलट पर भी कई सवाल उठने लगे हैं। हालांकि अभी डीजीसीए के द्वारा सुरक्षा जांच की आदेश तो दे दिए गए हैं। इस जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि इस हादसे में पायलट की कितनी लापरवाही थी।
लेकिन जिस तरीके से जो अभी बातें प्रारंभिक तौर पर आ रही हैं उसे यही लग रहा है कि कहीं ना कहीं पायलट की भी लापरवाही इसमें हो सकती है। हालांकि इस हादसे में एक चमत्कार भी हुआ है चमत्कार इस बात का हुआ है कि 242 यात्रियों में सिर्फ एक शख्स रमेश विश्वास कुमार जो सकुशल बच गया है और खुद चलकर के घटना स्थल से बाहर निकाला है। उक्त व्यक्ति से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज बातचीत की है उसका हाल-चाल जाना है।
हालांकि विश्वास बताते हैं कि जैसे ही प्लान रनवे पर रफ्तार पकड़ रहा था तभी प्लेन में कुछ अजीबोगरीब होने लगा था। पायलट टेकऑफ से पहले अगर इस स्थिति को भाग जाते तो हो सकता है कि यह हादसा नहीं होता। जैसा की इस हादसे में बचे हुए विश्वास कुमार बताते हैं कि प्लेन जैसे ही रफ्तार पकड़ने लगी वैसे ही कुछ अजीब सा लगने लगा और टेक आपसे पहले ही ग्रीन और व्हाइट लाइट्स ऑन हो गई थी। ऐसा लग रहा था कि टेकऑफ के लिए पायलट ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी हो।
सोशल मीडिया पर लगातार चर्चाओं का दौर जारी है और आशंकाएं तरह-तरह की व्यक्ति जा रही हैं लेकिन इस हादसे में पायलट की क्या भूमिका थी यह तो फिलहाल जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
अगर इस प्रत्यक्षदर्शी की माने तो कहीं ना कहीं पायलट की सूझबूझ अगर सही समय पर काम आ जाती तो इस हादसे को रोका जा सकता था। अब इसमें पायलट की भूमिका कितनी सही है और कितनी गलत है फिलहाल यह तो पूरी जांच की बात ही पता चल पाएगा। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट की अगर मन तो यह हादसा भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा प्लेन क्रैश है। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी काल के गाल में समा गए हैं।