प्रयागराज : लंबे समय से ऋण वसूली न्यायाधिकरण प्रयागराज में पिता से अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है। उक्त मामले में हाई कोर्ट के द्वारा काफी चिंता व्यक्त की गई है। हाई कोर्ट ने कहा कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति न होने कारण ही मामले हाई कोर्ट में लगातार आ रहे हैं। ऋण वसूली न्यायाधिकरण में काफी सुस्तीसे कम हो रहा है इसी कारण वसूली से जुड़े हुए सभी विषयों में देरी हो रही है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर निवासी यदि नंदन पांडे के द्वारा दायर की गई आजका में यह टिप्पणी न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरी और न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ की खंडपीठ के द्वारा की गई है। वित्त मंत्रालय को उक्त खंडपीठ के द्वारा जल से जल्द पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के निर्देश दिए गए हैं।
तत्काल एक्शन हो इस बाबत कोर्ट के निर्देश जारी
कोर्ट की उक्त खंडपीठ के द्वारा पाया गया है कि लगातार ऋण वसूली के मामले बढ़ते ही चले जा रहे हैं। क्योंकि प्रयागराज में डीआरटी के ऋण वसूली के मामले पीठासीन अधिकारी के नहीं होने कारण बंद पड़े हुए। हालांकि जबलपुर डीआरटी में पेश किया जा रहे थे, लेकिन 24 जून से यह व्यवस्था समाप्त होने के बाद मामलों में पुनः बाढ़ आ चुकी है। इस मामले में तत्काल एक्शन हो इस बाबत कोर्ट के द्वारा रजिस्ट्री को यह आदेश दिए गए हैं कि जारी किए गए इस आदेश के प्रति को तत्काल एडिशनल सॉलिसिटर जनरल और फाइनेंस मिनिस्ट्री को इसे तत्काल भेज दिया जाए। इस मामले में यही आज का करता को राहत तो नहीं मिली है क्योंकि संपत्ति पहले ही बेची जा चुकी थी। मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होने की जानकारी है। लेकिन अगली सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को भी कोर्ट में उपस्थित रहने के निर्देश दे दिए गए हैं।