Tehsildar suspension news : इन दिनों देश के अंदर एक तहसीलदार काफी चर्चा में है जिनका हाल ही में 30 जून को तबादला हुआ था लेकिन दो दिनों के अंदर उनका निलंबन आदेश भी जारी हो गया है,यह तहसीलदार चर्चा में तब आए थे जब ₹10 की टिकट के नाम पर उनके द्वारा ₹10000 की रिश्वत की मांग की गई थी.अपनी इस गैर जिम्मेदनागैर जिम्मेदार आना हरकत के कारण हरियाणा सरकार के द्वाराभिवानी जिले के तोशाम में इनका तबादला किया गया था लेकिन इन्हीं दो दिनों के अंदर ही निलंबित कर दिया गया है.आपको तो पता ही है कि यह गोल में पदस्थ थे जब यहफरार हुए थे.इन तहसीलदार का नाम मंजीत मालिक है.
जब से एसीबी के द्वारा कार्रवाई प्रारंभ की गई है तब से बताया जा रहा है कि यह तहसीलदार फरवरी माह से ही फरार है.जानकारी तो यह भी आ रही है कि इस तहसीलदार को कुछ दिनों के लिए अंबाला डीसी कार्यालय में भी अटैच किया गया था.प्रदेश में जब नगरी निकाय के चुनाव हो रहे थे तब यह सिवान नगर पालिका में सहायक चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया था लेकिन इस दौरान यह छुट्टी लेकर तब से गायब है.
यह तहसीलदार चर्चा में तब आया जब यह है ₹10000 की रिश्वत को ₹10 की टिकट के नाम पर लोगों से मांगता था.मामले का खुलासा तब हुआ जब विजय कुमार जो अपनी भाभी के साथ में रजिस्ट्री करवाने के लिए गुहला तहसील गए हुए थे.कार्रवाई के दौरान वहां मौजूद क्लर्क प्रदीप कुमार ने कहा कि ₹10 का टिकट इसमें चिपका दो.जब प्रदीप कुमार के द्वारा यह ₹10 का टिकट की बात की गई तो विजय कुमार ने पहले तो इसमें अभिनग्यता जाहिर की लेकिन उसे बाद में बता दिया गया की ₹10000 की रिश्वत लेने के लिए तहसीलदार के द्वारा 10000 की जगह ₹10 की टिकट के रूप में लोगों को बताया जाता है.विजय कुमार की मंशा जानने के बाद में तहसीलदार ने रजिस्ट्री का टोकन रद्द कर दिया था और कहा था कि यह केवट में स्टे पर है यह जमीन हालांकि ऐसा कोई मामला था ही नहीं.
तबादले के दूसरे ही दिन तहसीलदार हो गया Suspension मामले में हुआ चौका देंने वाला खुलासा
मामले की शिकायत हुई और एसीबी के द्वारा क्लर्क को रंगीन हाथों 18 फरवरी को पकड़ लिया गया.क्लार्क ने बिना समय लगाए अपने आका यानी तहसीलदार का नाम बता दिया की है उनके ही कहने पर ₹10000 की रिश्वत के लिए ₹10की टिकट के रूप में उसे मांगता है. क्लर्क ने उगल दिया कि तहसीलदार मनजीत मलिक ही इस खेल का असली मास्टरमाइंड है.
इसके पहले तहसीलदार मनजीत मलिक लाल बत्ती मामले में भी काफी विवादित हुआ था.वर्ष 2024 में जब इसका स्थानांतरण गुहला हुआ था. इस दौरान यह है निजी वाहन में लाल बत्ती लगाकर के कार्यालय पहुंच गया था.मामला जब तूल पकड़ा और ट्रैफिक पुलिस ने इस मामले में ₹1500 का चालान कट करके लाल बत्ती को हटवा दिया था.बताया जाता है कि यह प्राइवेट वाहन उनके पिताजी के नाम पर रजिस्टर्ड था.
इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे तब हुए जब कैथल एसीबी के इंस्पेक्टर सूबे सिंह सैनी ने बताया की पूर्व तहसीलदार गुहला मनजीत मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है.आरोपी तहसीलदार लंबे समय से फरार था.रिश्वत मांगने वाला क्लर्क पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.