भाजपा विधायक ने झोलाछाप डॉक्टर्स के पक्ष में अपनी ही सरकार के आदेश को दी चुनौती

अधिकारियों से कहा क्षेत्र में गैर मान्यताप्राप्त चिकित्सकों पर हुई कार्यवाही तो भुगतने होंगे परिणाम।

मध्य प्रदेश में प्रदेश स्तर पर जारी हुए झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई के फरमान के बाद अब इस कार्रवाई पर भाजपा के विधायकों के द्वारा ही प्रश्न चिन्ह उठाई जा रहे हैं। बालाघाट जिले की लांजी विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजकुमार कर्राहे ने अपनी ही सरकार के गांव में गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकों पर कार्यवाही के आदेश को चुनौती दी है। उन्होंने सरकार के आदेश पर क्षेत्र में गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकों पर कार्यवाही कर रहे अधिकारियों को चेताया है कि यदि उन्होंने कार्यवाही बंद नहीं की तो, इसके परिणाम उन्हें भुगतने होंगे।

दरअसल सरकार के 15 जुलाई के आदेश गैर मान्यताधारी व्यक्तियों और गांव-गांव में प्रेक्टिस कर रहे झोलाछाप चिकित्सकों के चिकित्सीय व्यवसाय को नियंत्रित करने, सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के आदेश जारी किए थे। जिसके परिपालन में विगत दिनो, एसडीएम प्रदीप कौरव, बीएमओ गेडाम और टीम ने विशेषज्ञ पैथालॉजिस्ट नहीं होने के बावजूद पैथोलॉजी चला रहे दो लेब और बिना अनुमति ऐलोपैथिक दवा लिख रहे दो क्लिनिकों को नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद, क्षेत्र के गांव-गांव में प्रेक्टिस कर रहे गैर मान्यताधारी झोलाछाप चिकित्सकों ने 30 जुलाई को विधायक राजकुमार कर्राहे से मुलाकात कर प्रशासनिक कार्यवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस पर रोक लगाए जाने की मांग की।

इस दौरान गांव-गांव चिकित्सीय व्यवसाय कर रहे व्यक्तियों को विधायक ने आश्वस्त किया है कि इस मामले में कलेक्टर से चर्चा हो गई है और उन्होंने कहा कि अब छापामार कार्यवाही किसी पर नही होगी। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि गांव-गांव चिकित्सीय व्यवसाय करने वाले इन्ही लोगों ने कोरोना कॉल में अपनी सेवाए देकर लाखों जिंदगियो को बचाया है। जिन्होंने विषम परिस्थिति में देश को निकालने का काम किया है और गांव में बीमारी से पीड़ित के लिए यही चिकित्सक, इन्हे सेवाएं देते है। वह उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है और इनके खिलाफ जारी सरकार के आदेश को लेकर वह मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे।

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