वैसे तो मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण संवर्धन के लिए हाल ही में एक बड़ा अभियान चलाया गया था। लेकिन शहडोल जिले में उनकी ही एक नेता पर पौराणिक बावली के अस्तित्व को खत्म करने का आरोप लग रहा है।ताजा मामला मध्य प्रदेश के शहडोल जिले का है जहां भाजपा जिला अध्यक्ष अमिता चपरा के खिलाफ उनके ही कॉलोनी के लोग विरोध में खड़े हुए हैं।
उक्त मामले को लेकर के स्थानीय नागरिक धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि शहडोल जिला मुख्यालय के किरण टॉकीज मोहल्ले में सार्वजनिक बावली में कई सालों से धार्मिक अनुष्ठान के साथ-साथ रोजमर्रा की उपयोग में लिया जाता था। बबली के पास मौजूद जमीन में सारा मोहल्ला सार्वजनिक निस्तार के रूप में उपयोग करता था। उक्त जमीन को भाजपा की नवनियुक्त जिला अध्यक्ष के द्वारा अपने रसूख का उपयोग करके पूरी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। मैं मीडिया के माध्यम से मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से कहना चाहता हूं कि जमीनों पर कब्जा करवाना बंद करें। इस जमीन को सार्वजनिक उपयोग के लिए जाता है। साथ ही इस जमीन पर धार्मिक आयोजन भी होते हैं। यदि जमीन पर कब्जा हुआ तो पूरी जनता का सामना भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं को करना पड़ेगा। ओपीएम में जाकर के जमीन पर भी कब्जा किया जा रहा है। किरण टॉकीज के पास रहने वाले सैकड़ो लोगों की भावनाएं इस कब्जे के कारण आहत हो रही हैं।
वहीं उक्त मामले में एसडीएम सोहागपुर धर्मेंद्र शाह ने कहा समाचार पत्रों और ज्ञापन के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है। क्योंकि उक्त बावली काफी प्राचीन बताई जा रही है। इसलिए पटवारी प्रतिवेदन और आवश्यक दस्तावेजों की प्राप्त होने से पहले उक्त स्थल पर स्थगन जारी किया गया है। पटवारी प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात अपर कमिश्नर का जो आदेश पहले जारी किया जा चुका है। उसे संज्ञान में लेते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या लिखा है ज्ञापन में
पौराणिक बावली को स्थगन आदेश के बावजूद पाटने एवं उकत बावली से लगी शासकीय नजूल भूमि को जबरन तार फिनिसिंग लगाकर चपरा परिवार द्वारा कब्जा किये जाने बावत
प्रार्थीगण स्थानीय वार्ड नं. 25/32. किर न टॉकीज शहडोल के पास के निवासी है। किरन टॉकीज के पास एक पौराणिक बावली है। उक्त बावली को पिछले 2-3 वर्षों से चपरा परिवार द्वारा मलवा डालकर पाटा जा रहा है जिसके संबंध में पूर्व में शिकायत की गई थी, जिस पर दिनांक 24.12.2021 को तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी सोहागपुर द्वारा जांच उपरान्त स्थगन आदेश जारी किया गया था तथा सौरभ चपरा एवं विकास चपरा को नोटिस भी जारी किया गया था। उसके बाद उक्त चपरा परिवार के लोगों द्वारा चोरी छिपे उक्त बावली को पाटने का कार्य किया जा रहा था। दिनांक 20.02.2025 की शाम से पुनः जे.सी.बी. डम्पर मजदूर इत्यादि लगाकर उक्त पौराणिक बावली में काफी मात्रा में एकत्रित मलवा को पाट दिया गया तथा अभी भी कार्य चालू है।
चपरा परिवार द्वारा राजस्व कर्मचारियों को अपने रसूख और राजनैतिक प्रभाव में लेकर शासकीय नजूल भूमि जो कि खसरा नं. 72 का जुज भाग लगभग 15 डिसमिल भूमि है को भी कब्जा किया जा रहा है. जबकि उक्त आराजी पर स्थानीय निवासी लोग होलिका दहन, जन्माष्टमी, दुर्गा पूजा झांकी विगत 77-78 वर्ष (वर्ष 1947) से लगातार स्थापित करते चले आ रहे हैं। उक्त शासकीय नजूल आराजी को भी तार फिनिसिंग से कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि उक्त भूमि को श्रीमान् अपर आयुक्त महोदय संभाग शहडोल द्वारा मामला क्रमांक 23/निगरानी/13-14 आदेश दिनांक 28.02.2014 द्वारा म०प्र० शासन नजूल भूमि दर्ज करने का आदेश दिया गया है किन्तु उक्त आराजी आज दिनांक तक चपरा परिवार के नाम से दर्ज अभिलेख चली आ रही है।
वर्तमान में चपरा परिवार के सदस्या अमिता चपरा भा.ज.पा. जिलाध्यक्ष नियुक्त हुई है जिस कारण से उनके परिवार के सदस्य तथा स्वयं अमिता चपरा द्वारा मौके पर बावली एवं शासकीय भूमि पर कब्जा किया जा रहा है तथा अपने राजनैतिक प्रभाव का दुरूपयोग किया जा रहा है।
अतः श्रीमान् जी से निवेदन है कि किरन टॉकीज के पास स्थित पौराणिक बावली को शासन की मंशा के अनुरूप पुनः पुर्नजीवित करते हुए उसके वास्तविक स्वरूप में लाया जाये तथा ग्राम भुईबांध स्थित खसरा नं. 72 के अंश रकवा 15 डिसमिल भूमि को चपरा परिवार द्वारा किये जा रहे तार फिनिसिंग से कब्जा को हटाये जाने तथा उक्त आराजी को माननीय संभागायुक्त द्वारा किये गये आदेशानुसार शासकीय नजूल भूमि घोषित कराये जाने एवं चपरा परिवार के विरूद्ध सख्त से सख्त दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने की कृपा हो।