Umaria Congress News : उमरिया जिला मुख्यालय में आज संगठन सृजन अभियान के केन्द्रीय ऑब्जर्वर, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं झारखंड सरकार समन्वय समिति के सदस्य राजेश ठाकुर के द्वारा प्रेस कांफ्रेंस करके अपने दोनों दौरों से जुड़े हुए घटनाक्रमों से जुड़े अनुभव साझा किया गया.उन्होंने बताया की शीर्ष नेतृत्व के निर्देशानुसार जिसे से 6 नामों का पैनल बनाकर उपर दिया जाएगा.जिसमे सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व होगा.

उमरिया जिले में समन्वय और संवाद का अभाव : राजेश ठाकुर
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय पर्यवेक्षक राजेश ठाकुर ने कहा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश हम यहाँ पहुचे हुए हैं.इस दो दिवसीय दौरे के पूर्व भी मैं पांच दिवसीय दौरे पर उमरिया आया हुआ था.सभी विकासखंड में जाकर के सभी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की गई है.सभी से मुलाकात करने के बाद मुझे लगा कि यहां का संगठन काफी मजबूत है.उमरिया जिले में समन्वय और संवाद का अभाव है.उसे अगर मजबूत कर लिया जाएगा तो संगठन की मजबूती विधानसभा चुनाव में भी दिखाई देने लगेगी.राहुल गांधी कहते हैं कि जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी उस हिसाब से उमरिया जिले में सामजस्य की कमी दिखाई देती है. जो जिले की टीम है और जो ब्लॉकों की टीम है उसमें सभी तरह के लोगों का समायोजन नहीं हुआ है.इस कमी को भी उमरिया जिले में पूरा करना है.इन सब बातों की रिपोर्ट में अपने ऊपर के नेताओं तक पहुंचाऊंगा.केंद्रीय नेतृत्व इसमें आगे निर्णय लेगा. लेकिन मेरा मानना है कि कांग्रेस उमरिया जिले में काफी मजबूत है,आम अवाम के मुद्दों को मजबूती से उमरिया जिले में उठाया जाता है.प्रदेश से प्राप्त सभी कार्यक्रमों को उमरिया जिले में किया जाता है. उमरिया जिले में हमारे कई जनपद के सदस्य हैं.उमरिया जिले में नगरपालिका हमारी है.यह सभी प्रतिनिधि पार्टी के सहयोग से चुनाव जीत करके यहां तक पहुंचे हैं.इन सबको एक करने की उमरिया जिले में काफी जरूरत है. संगठन सृजन का तात्पर्य है कि हमें नेता का निर्माण नहीं करना है हमें संगठन का निर्माण करना है.
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मजबूत संगठन के बाद भी क्यों नहीं बना पाए विधायक ?
उक्त सवाल के जवाब में कांग्रेस के केन्द्रीय ऑब्जर्वर के द्वारा कहा गया है उमरिया जिले में संगठन तो मजबूत है लेकिन समन्वय और संवाद का काफी अभाव है.अगर हम जिले में समन्वय और संवाद को ठीक कर लेंगे.कांग्रेस के लोगों को लगता है कि अगर हमारी बात नहीं सुनी जा रही है यदि कांग्रेस से जुड़े किसी दलित पर अत्याचार हो या किसी अल्प संख्या पर अत्याचार हो यह किसी सामान्य पर अत्याचार हो रहा हो ऐसे मामलों से क्या हमारे जिले की पदाधिकारी जुड़े हुए हैं या नहीं क्या उनके मुद्दे ऊपर तक उठा रहे हैं कि नहीं,इन तमाम विषयों में उमरिया जिले में धार लाने की जरूरत है.आने वाले समय में जब टीम अच्छी तरीके से बनेगी तब सब ठीक हो जाएगा.
कौन हैं वो सुपर सिक्स
एक साथ 6 नाम लेना काफी कठिन हैं लेकिन आज चर्चा में जो नाम निकल कर के सामने आए हैं उन नामो कि चर्चा करने से पहले एक बात और देखने योग्य है की कुनबे के भीतर ही यह चर्चा आम हो गई है कि वर्तमान जिलाध्यक्ष को आगे संगठन मौका नही देगा.इसी बात को बार-बार रिपीट किया जा रहा है,लेकिन जानकार कह रहे है की वर्तमान जिलाध्यक्ष की दावेदारी किसी मायने में कम नही है.लेकिन आज प्रेस वार्ता के दौरान बातों ही बातो में राजेश ठाकुर एक पत्रकार के साथ संवाद के दौरान वर्तमान जिलाध्यक्ष को भीष्म पितामाह बनाने की बात कह डाली…वही जिले का एक बड़ा धड़ा अब उनके विकल्प के रूप में युवा नेता के साथ हो लिया है.ऐसी जनचर्चा है कि कांग्रेस के अंदर अभी तक दो धड़े थे लेकिन वर्तमान संगठन सृजन के दौरन धडों की संख्या बढकर 3 हो गई है.हालाकिं केन्द्रीय ऑब्जर्वर, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं झारखंड सरकार समन्वय समिति के सदस्य राजेश ठाकुर ने साफ कह दिया है की उम्र का कोई बंधन नही है जो उमरिया जिला कांग्रेस को मजबूती दे सकता है वही नेता अगला जिलाध्यक्ष बनेगा.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष के रूप में जिन संभावित नामों की जिले में चर्चा हैं वो हैं –
सामान्य वर्ग
- पुष्पराज सिंह
- त्रिभुवन सिंह
- वीरेंद्र सिंह सेंगर
- ओमकार सिंह
- ओपी द्विवदी
- शारदा गौतम
अनुसूचित जनजाति
- रोशनी सिंह
- विजय कोल
- अशोक गौटिया
- रामायणवती कोल
अन्य पिछड़ा वर्ग
- मिथलेश राय
- अमृतलाल यादव
- ज्ञान प्रकाश पटेल
अल्पसंख्यक मोर्चा
- शकील खान
अनुसूचित जाति
- गौरी शंकर प्रजापति
उमरिया जिले में कांग्रेस के नेताओं के बीच गुटबाजी भी जमकर नजर आई है.जानकार तो यह भी बता रहे हैं कि,जितने नाम उमरिया जिले से संभावित सूची में शामिल हैं,उन सभी नाम की पृथक-पृथक शिकायत शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच चुकी है.आप देखने वाली बातें यह होगी, किसकी शिकायत कितनी कमजोर साबित होती है और किसकी शिकायत असरदार साबित होती है.यहां तक की केंद्रीय ऑब्जर्वर राजेश ठाकुर मात्र 7 दिन के 2 दौरे में हर एक नेता की नब्ज टटोलकर उमरिया जिले से रवाना हो गए हैं. बताया जा रहा है की एक माह के अंदर नए जिलाध्यक्ष का नाम तय हो जाएगा.