विजयराघवगढ़ विधायक और पूर्व राज्य मंत्री संजय पाठक, उनके चचेरे भाई और नगर निगम कटनी अध्यक्ष मनीष पाठक सहित आठ लोगों के खिलाफ दायर शिकायत के आधार पर प्रथम दृष्टया न्यायाधीश ने अपहरण और मारपीट का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। मामले में विधायक के शामिल होने के कारण मामले को एमएलए कोर्ट में भेज दिया गया है, जहां आगे की सुनवाई होगी.
वह पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराने कोतवाली थाने पहुंचे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने वरिष्ठ कार्यालयों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने अपने वकील लोकेंद्र दुबे के माध्यम से कोर्ट में शिकायत की. मामले की सुनवाई करते हुए प्रथम दृष्टया न्यायाधीश स्नेहा सिंह की अदालत ने विधायक पाठक, निगम अध्यक्ष समेत आठ लोगों के खिलाफ अपहरण, बंधक बनाने, मारपीट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया.
न्यायालय ने जारी आदेश में यह भी कहा है कि मामले में विधायक के शामिल होने से मामले को सुनवाई के लिए मप्र एमएलए कोर्ट जबलपुर स्थानांतरित किया जाता है, जहां पर आगे की सुनवाई होगी।
अगली सुनवाई एमएलए कोर्ट में होगी
कोर्ट की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि मामले में विधायक की संलिप्तता के कारण मामले को सुनवाई के लिए एमपी एमएलए कोर्ट, जबलपुर में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां आगे की सुनवाई होगी.
कौन हैं रवि कुमार गुप्ता
एमपी के कटनी से चर्चित विधायक संजय पाठक के खिलाफ स्थानीय पत्रकार और यूट्यूबर रवि कुमार गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी ,पूर्व मंत्री संजय पाठक पर पत्रकार के अपहरण और मारपीट का आरोप लगा था,
रवि गुप्ता ने अपने शिकायती आवेदन में आरोप लगाया था कि 23 मई 2022 की रात को उनके निवास पर कुछ लोग आए और घर के बाहर बुलाकर कार में जबरन बैठाकर एक रेस्टोरेंट में ले गए थे, जहां भाजपा विधायक संजय पाठक अपने कुछ साथियों के साथ वहां मौजूद थे. उनका आरोप है कि विधायक पाठक और उनके साथियों ने काफी देर तक उनके साथ मारपीट की और फांसी के फंदे तक पर लटकाने की कोशिश थी, इन सभी लोगों के पास हथियार थे.गुप्ता ने आरोप लगाया था कि उनसे एक कागज पर हस्ताक्षर करा लिए गए थे और धमकी दी गई थी, कि इस घटना से किसी को अवगत कराया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. उनका यह भी आरोप था कि उनसे कहा गया कि अगर उन्होंने पत्रकारिता नहीं छोड़ी तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. गुप्ता ने दावा किया कि था वे पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन देने गए थे, तो पुलिस अधीक्षक ने संजय पाठक का नाम आते ही मिलने से मना कर दिया था.