MP News : उमरिया जिले के मानपुर क्षेत्र की विधायक एवं मध्यप्रदेश शासन में जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह ने गुजरात के दौरे के दौरान बड़नगर रेलवे स्टेशन पहुंच कर उस चाय के स्टाल का अवलोकन किया जिसमे बचपन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पिता जी के साथ चाय की दुकान में हाथ बटाते थे।
जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह ने लिखा :
अविस्मरणीय यादें l बड़नगर गुजरात कर्मवीर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन की अविस्मरणीय यादों को संजोता बड़नगर वैश्विक नेता व भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह नगर है बड़नगर जोकि अपने आप में महत्वपूर्ण है बड़नगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन की यादों को संजोए हुए हैं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की जीवन में गुजरात के बड़नगर रेलवे स्टेशन का अहम रोल रहा है यह वही रेलवे स्टेशन है, जहां बचपन में नरेंद्र मोदी चाय बेचा करते थे। यह रेलवे स्टेशन अब पूरी तरह बदल चुका है, यहां महत्वपूर्ण निर्माण कार्य कराए गए हैं सौंदयीकरण सहित तमाम आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हो चुका है। गुजरात के बड़नगर में जन्मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाई बहनों में तीसरे हैं उनके पिता बड़नगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का काम करते थे स्कूल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पिता के काम में हाथ बताते थे जोकि आज भी चाय का स्टाल रेलवे स्टेशन में मौजूद है राष्ट्रीय संपत्ति घोषित होने के बाद भारत सरकार के अधीनस्थ है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचपन भले ही अभाव व गरीबी में गुजरा हो लेकिन वे स्वभाव से बेहद हिम्मती थे
सुनाया यह किस्सा :
एक किस्सा है कि जब वह छोटे थे तो बड़नगर के शिमिषठा तालाब में अक्सर नहाने जाया करते थे उन्हें पता नहीं था कि उसमें मगरमच्छ भी है बालपन में यहां से वह एक मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ कर घर ले आए, उनकी मां हीराबेन ने जब यह देखा तो बहुत नाराज हुई और बाद में मां की डांट सुन कर वह मगरमच्छ के बच्चे को वापस छोड़ आए।
बताया बड़नगर का महत्व :
बडनगर का अपना आध्यात्मिक महत्व भी है श्री हाटकेश्वर महादेव मंदिर अपनी शिल्प कृतियों के लिए प्रसिद्ध है मंदिर की दीवारों पर पुराण, रामायण, महाभारत और अन्य कथाओं का चित्र चित्रों के माध्यम से किया गया है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है गुजरात का बड़नगर भारतीय संस्कृति का एक प्राचीन नगर है उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले में ही मोढेरा में स्थित सूर्य मंदिर भी अति प्राचीन है दोनों प्राचीन भारत की वैभवशाली संस्कृति स्थापत्य कला का सर्वोत्तम उदाहरण है l