उमरिया जिले में इन दिनों बहुत तेजी से जंगल कट रहे है।एवं इन वनों की कटाई को अंजाम देने वाले बिचौलिया विभाग के अधिकारियों से साठ गांठ कर कटाई हेतु फाइल एवं अनुमति का कार्य बहुत कम समय मे तेजी से कार्य कर मामले को रफा दफा कर दिया जाता हैं। इन पेड़ो की कटाई में जितने जिम्मेदार ये माफिया हैं,उतने ही विभाग के वो जिम्मेदार अधिकारी है।जो गांधी के फेरे में अनलीगल अनुमति और कार्य की अनुमति दे रहे है।
गाँव गाँव घूमते है ये छुटभैये वन माफिया
अपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये वन माफिया गाँव गाँव घूमकर किसानों एवं ग्रामवासियों से उनके खेतो में या अन्य जगह लगे पेड़ो की बात कर सौदा तय करते है। और उनके आवश्यक दस्तावेज लेकर विभागों में फाइल लगाकर फटाफट अनुमति प्राप्त कर ली जाती है।
वन अधिकारियों से करते है सेटिंग
जहाँ एक ओर सरकार पेड़ो एवं जंगल की सुरक्षा करने हेतु भारी भरकम राशि खर्च कर कर्मचारी नियुक्त करती है। वही ये सरकार के नामुइंदे सरकार को चूना लगाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है।उसका उदाहरण है। कि उमरिया जिले में अवैध कटाई को अंजाम देने वाले ये बिचौलिया चोरी छिपे अपने सभी कार्य करते है।एवं सुविधा शुल्क के माध्यम से वन परिक्षेत्र अधिकारी इनको इस कार्य की आसानी से अनुमति दे दी जाती है।
जमीन के काम मे रहे सफल,अब कटाई के काम मे हुए मशूहर
इन बिचौलियो की जोड़ी अनलीगल काम करने के लिए जिले में मशहूर है।फिर चाहे वो जमीन का काम हो या फिर जंगल का दोनों ही मामले में इन्हें महारथ हासिल है।तभी तो बिना रुकावट के करोड़ो रुपए की बेशकीमती जमीन का व्यारा न्यारा इनके द्वारा किया गया जिसमें ये सफल रहे,अब नया धंधा पेड़ो की कटाई का चालू है।जो फल फूल रहा है,मजाल है कि कही कोई इनके काम मे व्यवधान डाल सके।
काश्तकारों को लगाते है चूना
ये जोड़ी लोगो को बरगलाने में इतनी माहिर है।कि बहुत ही आसानी से ये अपने कब्जे में ग्रामवासियों को लेकर उनसे औने पौने दाम में लकड़ी का भाव तय करते है।उसके बाद काश्तकारों से उनके चेक पहले ही ले लिया जाता है।उसके बाद मोटी कीमत में लकड़ी को बेचा जाता है।इन सब प्रकिया में काश्तकार अपने आपको ठगा सा महसूस करते है।
अवैध कामो दे की बेनामी संपत्ति की अर्जित
अभी हाल में ही पेड़ो की कटाई में मशगूल मोहम्मद इसराइल पिता अब्दुल सकूर एवं इस्तखार अहमद अकबर साउंड सर्विस द्वारा ऐसे ही अवैध कार्यो से बेनामी संपत्ति अर्जित की गई है।तभी तो इनके पास कई शहरों में जमीने एवं कई महंगे प्लाट है। जो इसी लाल पीले धंधे की आमदनी से खरीदे गए है।
काश्तकारों ने की कार्यवाही की मांग
इस पूरी प्रकिया से काश्तकार अनजान रहता है।उसको विभागीय प्रकिया की जानकारी इन छुटभैया वन माफिया द्वारा काश्तकारों को जानकारी नही दी जाती हैं। काश्तकारों के नाम से लकड़ी के चेक विभाग द्वारा काटा जाता है।लेकिन घालमेल में माहिर इन माफियाओं के द्वारा पहले ही राशि आहरित कर ली जाती है।और किसान को औने पौने दाम मिलता है।
मामले की मुख्यमंत्री से होगी शिकायत
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले की शिकायत ग्रामवासियो द्वारा मुख्यमंत्री से की जाएगी।उनका कहना है।कि जब भी प्रदेश के मुखिया का उमरिया आगमन होगा तब इन बिचौलियो की शिकायत होगी।एवं कार्यवाही की मांग की जाएगी।
इनका कहना है
लकड़ी काटने का काम इन लोगो द्वारा किया जा रहा है,अभी 7,8 केस विभाग में अनुमति के लिए लगे हुए है। अभी इनके द्वारा ऐसा कृत्य किया किया जा रहा है,मुझे मालूम नही है,पता करवा लेता हूँ,अगर ऐसा हुआ है तो कार्यवाही की जाएगी।
कुलदीप त्रिपाठी
अनुविभागीय अधिकारी
वन विभाग उमरिया