Gondi Penting :हाथ का हुनर बन रहा है आमदनी का जरिया,कलेक्टर की पहल लाई रंग
Gondi Penting : कलेक्टर मंडला हर्षिका सिंह ने आदि काल से गोंड समाज के द्वारा की जा रही पेंटिंग्स को ही नवाचार के माध्यम से आमदनी का जरिया बना दिया है,समूह के माध्यम से स्टाल लगाकर अब आदिवासी समाज अपने हाथ के हुनर को आमदनी का जरिया बना रहा हैं.
देवेन्द्र चौधरी
Gondi Penting : गोंडी कला गोंडवाना काल की प्रसिद्ध चित्र कला है, जो मंडला एवं डिंडोरी ज़िले में गोंड जनजाति द्वारा बनाई जाती है। गोंडी पेंटिंग राज्य प्रशासन द्वारा मंडला ज़िले के लिए एक जिला एक उत्पाद में भी चयनित की गई है। गोंडी कला एवं रेशम को प्रोत्साहित करने की पहली पहल 2020 में कलेक्टर हर्षिका सिंह द्वारा ली गई और रेशम की साड़ियों पर पेंटिंग का नवाचार चालू किया गया। इन साड़ियों की मंडला से बाहर मार्केट में अच्छी प्रतिक्रिया मिली, और रेशम बुनकर एवं गोंडी कलाकारों को आय का स्त्रोत मिला। इसके पश्चात अगस्त 2022 में कलेक्टर हर्षिका सिंह के मार्गदर्शन में ज़िले में पदस्थ महात्मा गाँधी नेशनल फ़ेलो, कृति सिंघई द्वारा नवाचार चालू किया गया, जिसमें व्यापार और पर्यटकों की दृष्टि से गोंडी पेंटिंग से छोटे-छोटे आइटम डिज़ाइन किए गए, जो सस्ते एवं आकर्षक हों।
समूह की महिलाओं को दिलाया गया प्रशिक्षण :
इस नवाचार के अंतर्गत कलाकारों के साथ कार्यशाला आयोजित की गई, ताकि उनके नज़रिये से उनकी दिक्क़तों को समझा जाए और उसके अनुसार कार्ययोजना तैयार की जाए। इस नवाचार का नाबार्ड एवं सहयोगी संस्था ग्रामीण विकास एवं महिला उत्थान संस्था द्वारा कार्यान्वयन किया गया, जिसमें ग्राम पंचायत धनपुरी माल, नैनपुर में 30 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण पश्चात सितम्बर 2022 में कृति सिंघई द्वारा प्रशिक्षुओं के साथ व्यापारिक सूझ-बूझ, मार्केट की समझ, पर्यटक ग्राहक पसंद इत्यादि बिंदुओं पर चर्चा की गई एवं “टार्गेट मार्केट” के अनुसार गोंडी पेंटिंग आइटम बनाए जाने का सुझाव दिया गया। चर्चा में 4-5 आइटम जैसे पोस्टकार्ड, रूमाल, लोटा, फ्रिज मैग्नेट, इत्यादि प्रशिक्षुओं द्वारा बनाए जाने का निर्णय लिया गया, जो अक्टूबर में “हथकरधा एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी” में प्रस्तुत किए गए। ज़िले स्तर पर प्रदर्शनी में जब इन प्रोडक्ट का प्रदर्शन हुआ तो जनसामान्य द्वारा इन्हें बहुत पसंद किया गया।
ऑफलाइन के साथ साथ ऑनलाइन बेचे जाएगें उत्पाद :
कलेक्टर के निर्देशानुसार प्रोडक्ट प्रमोशन हेतु शहर के प्रमुख स्थान जैसे कलेक्ट्रेट रोड, रपटा घाट, कलादीर्घा एवं विभिन्न कार्यक्रम जैसे म.प्र. गौरव दिवस, ज़िला गौरव दिवस इत्यादि में स्टॉल्ज़ लगाए गए। समूह द्वारा नवम्बर माह में जबलपुर में नाबार्ड द्वारा आयोजित 15-दिवसीय प्रदर्शनी में भाग लिया गया। स्टॉल को प्रेज़ेंटेशन और बिक्री के लिए पुरस्कृत किया गया। समूह द्वारा ऑनलाइन ऑर्डर व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम के माध्यम से भी लिए जा है और हाल ही में भोपाल, नोएडा, जोधपुर, पटना, श्रीनगर जैसे महानगरों में ऑर्डर पोस्ट द्वारा भेजे गए हैं। जनवरी 2023 को एजीएनएफ के माध्यम से आईआईएम अहमदाबाद में इन कलाकृतियों का विक्रय किया जाना प्रस्तावित है। पिछले महीने समूह द्वारा 70 से 80 हजार तक का सामान विक्रय किया जा चुका है एवं इस प्रकार के आइटम की प्रसिद्धि देखकर मंडला के अन्य क्षेत्रों के गोंडी कलाकारों ने इस प्रतिक्रिया में जुड़ने की इच्छा ज़ाहिर की है, जिसमें ग्राम औरई एवं दुधारी से कलाकार पोस्टकार्ड इत्यादि आइटम बनाना प्रारम्भ कर चुके हैं। इन कलाकृतियों को ऑनलाइन विक्रय हेतु अमेजन पर लिस्ट करवाने कि प्रक्रिया भी प्रगतिरत है।