प्रदेश सरकार से मिले फरमान के बाद उमरिया में कलेक्टर उमरिया आदेश पर झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक को सील किए जाने की कवायत लगातार जारी है। इसी तारतम्य में आज एसडीएम पाली टीआर नाग के नेतृत्व में टीम नौरोजाबाद के पांच नंबर कॉलोनी पहुंची। जहां उन्होंने गोदाम में रखी दवाइयों को देखने के बाद सीलिंग कार्यवाही की है।
एसडीएम टीआर नाग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कलेक्टर उमरिया के निर्देश है कि जिले में जो भी अवैध क्लिनिक संचालित है या झोलाछाप डॉक्टर प्रैक्टिस कर रहे हैं उनके क्लीनिक की जांच कर वैधानिक कार्रवाई की जाए। इसी तारतम्य में आज मेरे साथ बीएमओ डॉक्टर केएल बघेल एवं टीआई नौरोजाबाद राजेश चंद्र मिश्रा की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची है। मौके पर डॉक्टर समीर अधिकारी नहीं मिले हैं। उनके घर में गोदाम के रूप में जो कमरा है जहां भारी मात्रा में मेडिसिंस रखी हुई है। उसे कमरे को सील किया गया है बाकी कुछ दवाइयां को जप्त भी किया गया है। एसडीएम पाली ने आगे कहा क्लीनिक के संबंध में डिग्री और डिप्लोमा दिखाने के बाद ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उमरिया यह तय करेंगे कि यह क्लीनिक भविष्य में संचालित हो सकती है या नहीं। हालांकि एसडीएम टीआर नाग ने क्लीनिक की बजाय गोदाम सील करके ही इतिश्री कर ली है। कार्यवाही के दौरान साहब को सामने की शटर दिखी ही नही।
CSC नौरोजाबाद बना रेफरल सेंटर
कलेक्टर उमरिया के आदेश के बाद जिले में झोलाछाप डॉक्टर पर गठित दलों के द्वारा ताबड़तोड़ कार्यवाहियां की जा रही है। लेकिन जिले के तमाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मात्र रेफरल सेंटर बनकर रह गए हैं।
बात अगर नौरोजाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाए तो इस केंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तो उन्नयन कर दिया गया है। लेकिन व्यवस्थाएं जस की तस है।रूरल एंड गवर्मेंट सर्विस बॉन्ड के अनुसार ऐसे डॉक्टर जिन्हें ग्रामीण क्षेत्र में एक वर्ष का समय देना होता है। ऐसे डॉक्टर जब जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आते हैं तो प्रदेश सरकार सहित स्थानीय नेतृव वाहवाही लूटने से नहीं चूकते हैं। लेकिन एक वर्ष पूरा होने के बाद है ऐसे डॉक्टर दोबारा मुड़कर जिले की ओर नहीं देखते हैं।
कर्मचारी रहते है नदारत
नौरोजाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ कई ऐसे कर्मचारी हैं जो जिले के बाहर से आकर के स्वास्थ्य केंद्र में अपनी सेवाएं देते हैं। लेकिन उनसे यह काम सिर्फ हफ्ते में एक-दो दिन ही हो पता है। बीएमओ के द्वारा प्रॉपर मॉनिटरिंग ना कर पाने के कारण ऐसे कर्मचारी जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से खिलवाड़ करते हैं।फिलहाल CSC में एक ही डॉक्टर की तैनाती है।
आमजन की उम्मीद
जिले में हो रही झोलाछाप डॉक्टर की कार्यवाहियों को लेकर आम जनमानस का कहना यह है की अच्छा यह होता कि इस कार्यवाही के साथ-साथ जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्थाओं पर जिला प्रशासन के द्वारा कड़ी निगरानी की जाती। जिससे आमजन को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने में किसी दिक्कत का सामना न करना पड़ता।