बाँधवगढ़ में हाथियों की मामले में CM ने बुलाई आपातकालीन बैठक 24 घण्टे में माँगा प्रतिवेदन
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 10 हाथियों की मौत के मामले पर मुख्य सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री निवास में आपातकालीन बैठक 1 नवम्बर की देर रात बुलाई और इसके संपूर्ण पहलुओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए उच्चस्तरीय दल भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने की बात भी बैठक के दौरान कही है। प्रदेश के वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार सहित अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल और राज्य वन बल प्रमुख पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव उमरिया जाने के निर्देश दिए गए हैं और 24 घंटे में प्रतिवेदन भी सौपनें के निर्देश दिए हैं।
संबंधित अधिकारियों द्वारा बैठक में बताया गया कि विशेषज्ञों से प्राप्त जानकारी अनुसार हाथियों की मृत्यु के संबंध में की गई जांच की रिपोर्ट चार दिन में प्राप्त होगी, इस अवधि में घटना से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर जांच जारी है।
गौरतलब है कि 29 अक्टूबर 2024 की दोपहर पेट्रोलिंग स्टाफ को बाँधवगढ़ नेशनल पार्क के खितौली और पतौर कोर रेंज के सलखनिया बीट के कक्ष क्रमांक RF384 और PF183A में जंगली हाथियों की मौत की सूचना मिली घटना स्थल पर जाकर देखा गया तो 13 हाथियों के झुंड में 4 हाथी मृत पाए गए।घटना के बाद बाँधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के साथ-साथ संजय दुबरी पार्क और स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एन्ड हेल्थ जबलपुर की टीम देर शाम तक पहुँची थी।
3 दिनों में हुई 10 हाथियों की मौत
वही 29अक्टूबर को मिले 4 मृत हाथियों के बाद 30 अक्टूबर को ईलाज के दौरान 4 और अस्वस्थ हाथियों ने दम तोड़ दिया वही 31 अक्टूबर को 2 और अस्वस्थ हाथियों की मौत के बाद जंगली हाथियों की मौत का आंकड़ा 10 पहुँच गया है।
3 -3 जांच दल कर रहे है मामले की निगरानी
जंगली हाथियों की मौत के बाद बाँधवगढ़ नेशनल पार्क में
स्टेट टाईगर स्ट्राइक फोर्स (STSF), वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) और वनमंत्री मध्यप्रदेश रामनिवास रावत के द्वारा 5 सदस्सीय राज्यस्तरीय एसआईटी (SIT) का गठन किया गया है।जो बाँधवगढ़ नेशनल पार्क में हर एंगल से जाँच में जुटी हुई है।
कोदो की फसल में हुआ मायकोटाक्सिन बदलाव
सभी 10 हाथियों का पोस्टमार्टम वाइल्ड लाइफ हेल्थ ऑफिसर और SWFH की टीम के द्वारा करके सैम्पल कलेक्ट SWFH लैब्स भेजे गए हैं। सभी मृत हाथियों के पेट मे कोदो Millet के दाने पाए गए हैं।पशु चिकित्सकों ने पीएम के बाद यह संभवना जताई है कि कोदो की फसल जिसे हाथियों के द्वारा खाया गया है उस कोदो की फसल में हुए मायकोटाक्सिन बदलाव के कारण हाथियों की मौत हुई है।हालांकि बाँधवगढ़ नेशनल पार्क में पहुँची हुई टीम लगातार
IVRI बरेली,WII देहरादून,स्टेट फोरेंसिक साइंस लैब सागर,CCMB हैदराबाद के विशेषज्ञों के संपर्क में बनी हुई है।ताकि मायकोटाक्सिन के बारे में गहनता के साथ जांच हो सके।वही घटनास्थल में लगभग 8 एकड़ में फैली हुई कोदो की फसल को नष्ट करवा दिया गया है।
इसके पहले भी हुई प्रदेश में छुटपुट घटना
PCCF वाइल्ड लाइफ VN अम्बार्ड का कहना है कि पोस्टमार्टम के दौरान मृत हाथियों के पेट मे मिले कोदो फसल (मिलेट) के दाने मौत की वहज हो सकते है।उन्होंने कहा कि इससे पहले भी मध्यप्रदेश में छुटपुट घटनाएं हुई हैं उन्होंने कहा कि कान्हा नेशनल पार्क में वर्ष 1997 -98 में कोदो मिलेट के खाने से कुछ हाथियों की मौत हुई थी।हम पार्क क्षेत्र में रहने वाले किसानों को समझाईस देगे की पार्क एरिया में कोदो की फसल को न लगाए। हालांकि STSF, WCCB और राज्य स्तरीय SIT की रिपोर्ट के बाद ही सही निर्णय लिए जा सकेंगे।
बाँधवगढ़ पार्क में है 47 मैमल्स
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के 4548 वर्ग किलोमीटर के 1536 वर्ग किलोमीटर एरिया में फैले बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान पूरे विश्व मे बाघों के अधिक घनत्व के लिए जाना जाता है।बाँधवगढ़ में बाघों के अलावा 47 मैमल्स और लभगभ 250 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते है।
बाँधवगढ़ टाईगर रिज़र्व में वर्ष 2018-19 में लगभग 40 जंगली हाथियों का दल उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के रास्ते बाँधवगढ़ टाईगर रिज़र्व में आया था।जिनका कुनबा आज शतक पार करने के करीब है।