सतना। शहर के सिटी कोतवाली थाना इलाके में रविवार-सोमवार की दरमियानी रात भरहुत नगर स्थित मैरिज गार्डन से बदमाश एक 6 साल की बच्ची को अगवा कर ले गया। मैरिज गार्डन में शादी समारोह चल रहा था। भीड़ में मौका पाकर घुसा बदमाश अपने साथ ले गया। बच्ची जब काफी देर तक नजर नहीं आयी तब उसकी खोजबीन शुरु की गई। आसपास जब कहीं नहीं मिली तो शादी पैलेस के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। फुटेज देख परिजनों के होश उड़ गए। वीडियो में एक युवक बच्ची को ले जाता नजर आया।
बच्ची के अपहरण की आशंका पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। शहर के तीनों थानों की पुलिस ने बच्ची की तलाश में बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरु किया। सुबह बच्ची सकुशल मिल गई। पुलिस के गश्ती वाहनों के सायरन से डरकर बदमाश बगहा के पास रेलवे ट्रैक किनारे बच्ची को छोड़कर भाग गया था। वहां से गुजर रहे एक युवक ने देखा कि अकेली बच्ची ट्रैक पर चल रही है। उसका पता पूछकर घर पहुंचाया। रात करीब साढ़े 12 बजे लापता हुई बच्ची सुबह आठ बजे मिल गई। उसके मिलने पर परिजनों की जान में जान आई। और पुलिस ने भी राहत की सांस ली। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घटना के 18 घंटे के अंदर संदेही को भी दबोच लिया है। संदेही को चिन्हित और गिरफ्तार करने पुलिस की आठ टीमें बनाई गई थीं।
दो घंटे तक पैलेस में रहा, खाना खाया, लोगों से बात भी की
बच्ची को अगवा करने वाला अतुल त्रिपाठी सिविल लाइन थाना इलाके के भट्ठा मझगवां का रहने वाला है। उसे पुलिस ने उसके गांव के पास से पकड़ा। इसके पहले पुलिस को पता चल चुका था कि आरोपी रात करीब दस बजे पैलेस में घुस गया था। वहां खाना खाया और कमरों में ताक-झांक करता रहा। उसने एक-दो लोगों से बातचीत भी की फिर मौका पाकर बच्ची को लेकर चला गया। पुलिस ने बताया कि संदेही युवक पुराना बदमाश है। साल 2015 में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में पकड़ा गया था। 7 साल जेल में भी रहा। पकड़े जाने पर उसने बताया कि रात में दो-ढाई किमी बच्ची को पैदल चलाकर रेलवे ट्रैक ले गया था। वहां पुलिस का सायरन बजा तो लगा कि पुलिस आसपास है। इसलिए भाग गया।
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग
पुलिस ने जब पैलेस, फोटोग्राफर्स व शादी समारोह में मौजूद लोगों के मोबाइल के वीडियो व फोटो खंगाले तब संदेही का चेहरा सामने आया। बदमाश ने चेहरे को गमझे में छिपाए रखा था। लेकिन एक जगह उसका चेहरा दिख गया। जिस जगह से बच्ची अगवा हुई थी वहां से अलग-अलग दिशा के पांच रास्ते हैं। जिससे पुलिस की मुश्किल बढ़ गई थी।फिर पचास से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालते हुए पुलिस आरोपी के पास पहुंच गई। संदेही को चिन्हित और गिरफ्तार करने पुलिस की आठ टीमें बनाई गई थीं। इनमें शहर के तीनों थाना, साइबर सेल की टीम भी शामिल रहीं। मामले की सूचना मिलते ही एसपी आशुतोष गुप्ता ने टीआई रावेंद्र द्विवेदी को जल्द से जल्द बच्ची को दस्तयाब करने के निर्देश दिए थे।