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बेशकीमती जमीन बेच दी 3 बार कोर्ट ने लिया सख्त एक्शन

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बेशकीमती जमीन बेच दी 3 बार कोर्ट ने लिया सख्त एक्शन
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ग्वालियर में बेशकीमती जगह को फर्जी तरीके से तीन बार बेचने के मामले में कोर्ट ने सख्त एक्शन लिया है,ग्वालियर कोर्ट ने पुलिस को मामले में शामिल कॉंग्रेस नेता के भाई, शहर के बड़े ऑटोमोबाइल कारोबारी सहित तीन आरोपीयो के खिलाफ FIR के निर्देश दिए है। पुलिस द्वारा पीड़ित पक्ष की सुनवाई नही कि गयी थी,जिसके चलते उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। 

दरअसल ग्वालियर में धोखाधड़ी की सारी हदें पार कर दी गई, शहर के रजिस्ट्रार ऑफिस के पास की बेशकीमती जमीन को एक नहीं बल्कि तीन-तीन बार बेच दिया गया। खास बात यह भी रही की एक व्यक्ति ने पहले पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से जमीन बेची फिर खुद ही इस जमीन का सौदा कर दिया। धोखाधड़ी का शिकार हुए बालाजी डेवलपर्स के गजेंद्र पांडे ने केस दर्ज कराने की मांग करते हुए मजिस्ट्रेट कोर्ट में आवेदन दिया था, जिसे बीती 16 दिसंबर 2024 को निरस्त कर दिया गया, जब इस आदेश के खिलाफ एडीजे कोर्ट में रिवीजन आवेदन पेश किया गया तो सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने विश्वविद्यालय थाना पुलिस को ऑटोमोबाइल कारोबारी मुकेश अग्रवाल, उनके भाई गिर्राज अग्रवाल और कांग्रेस नेता के भाई दलबीर सिंह कंसाना के खिलाफ 3 दिन में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए,साथ ही जांच प्रतिवेदन जल्द कोर्ट में पेश करने की बात कही। 

आपको बता दे कि साल 2012 में दलबीर सिंह कंसाना ने खुद को मुकेश अग्रवाल का पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर बताते हुए,विजय आनंद नाम के व्यक्ति को जमीन बेची,कुछ समय बाद मुकेश अग्रवाल ने न्यायालय में केस लगाया जिसमें दलबीर सिंह कंसाना पर ज्यादा जमीन बेचने का आरोप लगाया,अभी यह मामला निपटा भी नहीं था कि मुकेश अग्रवाल ने राखी उपाध्याय नाम की महिला को 49 लाख रुपए में वह जमीन बेच दी,हैरानी की बात यह भी रही कि इस जमीन की रजिस्ट्री में दलबीर सिंह कंसाना और गिर्राज अग्रवाल का नाम बतौर गवाह दर्ज हुआ,जब राखी और गणेश को पता चला कि यह जमीन विवादित है और इसे पहले ही विजय आनंद को बेचा जा चुका है,तो उन्होंने मुकेश अग्रवाल से बात की तो मुकेश ने उनसे कहा कि वह जमीन को किसी अन्य को बेंच दें, किसी को पता नहीं चलेगा।कुछ समय बाद राखी और गणेश ने भी गजेंद्र पांडे नाम के व्यक्ति को 40 लाख रुपए में यह जमीन बेच दी, गजेंद्र पांडे को जब इस धोखाधड़ी का पता चला तो उन्होंने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया,लेकिन जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो मजिस्ट्रेट कोर्ट में आवेदन लगाया था। जिसके बाद अब कोर्ट ने धोखाधड़ी करने वाले तीन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।

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ग्वालियर
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विकास पिछले 6 सालों से डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं. इस दौरान इन्होंने अलग-अलग कई न्यूज़ पोर्टल्स पर काम किया। विकास मूल रूप से मध्यप्रदेश के ग्वालियर के रहने वालें हैं। विकास नेटवर्क10 सहित कई इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थान में भी काम कर चुके हैं। विकास की डेली पालिटिकल इवेंट्स के साथ ही राजनीति, शिक्षा और क्राइम से जुडी खबरों में ख़ास रूचि है। इन्हें किताबें पढ़ने और यात्रा करना काफी पसंद हैं।
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