Tiger Attack : उमरिया जिले के पाली थानांतर्गत घुनघुटी वनपरिक्षेत्र के ग्राम पंचायत खिचकिडी के पटपरिया गांव में दरअसल कक्षा 8वीं में अध्ययनरत 16 वर्षीय मुकेश यादव के पिता तुलीचन्द यादव खेत मे ही रात रुककर तकवारी करते हैं और अपने पिता के पास मुकेश 8 जनवरी की शाम 6 बजे खेत के रास्ते जा रहा था लेकिन अरहर की फसल में छिपे टाईगर ने पीछे से वार कर दिया और घसीट कर अरहर की फसल में ही अंदर ले जाने लगा।
मुकेश की आवाज सुनकर दौड़ी माँ
जैसे ही टाईगर ने मुकेश यादव को पकड़ा मुकेश ने चिल्लाना शुरू कर दिया और आवाज सुनकर घर की ओर लौट रहे चरवाहों के साथ साथ मुकेश के माता-पिता भी आवाज की दिशा में अपनी जान की परवाह न करते हुए हल्ला करते हुए दौड़ लगा दी।
हल्ला सुन भाग खड़ा हुआ बाघ
चरवाहों और परिजनों की आवाज बाघ भाग खड़ा हुआ लेकिन बाघ ने सिर में अपने पंजे गड़ा दिए थे और मुकेश की जांघ का मांस भी काफी मात्रा में खा चुका था,चूंकि बाघ काफी अंदर तक मुकेश को घसीट कर ले गया था इसलिए मुकेश के ब्लड और पड़े जूते के आधार पर जितनी देर में परिजन और चरवाहे घायल मुकेश के पास पहुँचे तब तक मुकेश के प्राण पखेरू उड़ चुके थे।
सूचना उपरांत पहुँचा वन अमला
घटना की सूचना मिलते ही वन अमला और घुनघुटी पुलिस भी मौके पर पहुँची,देर शाम शव को पाली समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया है,काफी रात हो जाने पर शव का पोस्टमार्टम आज सुबह किया जा रहा हैं।
हाथ पर हाथ धरे बैठा है वन अमला
घुनघुटी वन परिक्षेत्र में एक के बाद एक बाघ के हमले से हुई मौत वन विभाग की कार्य शैली पर सवालिया निशान खड़े करती है,खबर तो यह भी है कि इसके पहले एक महिला जो कि चरवाहे का काम कर अपना जीवन व्यापन करती थी,जिसे बाघ ने अपना शिकार बनाया था उसे लेकर वन विभाग बाघ के हमले को सिरे से नकार रहा था और मृतक महिला के साथ जंगल गए अन्य गरीब आदिवासियों पर बयान बदलने का दवाव भी बना रहा था।