MP News : मंगलवार को पूरे प्रदेश में जनसुनवाई प्रत्येक जिले के कलेक्टर सभागार में होती है। लेकिन जब समस्याओं का समाधान नहीं मिलता है तो लोग अजब गजब तरीके से अपने आवेदक को लेकर के पहुंचते हैं। ऐसे ही एक मामला छतरपुर जिले से आया है।
किसानो ने SDM से शिकायत की
छतरपुर जिले महारजापुर विधांसभा के सिंहपुर गांव के किसानों ने मंगलवार को जिला कलेक्टर की जनसुनवाई में अनोखे अंदाज़ में अपनी व्यथा सुनाई किसानों ने लुडकते दंडवत नमन करते हुए जनसुनवाई मे प्रदर्शन किया और तहसीलदार द्वारा आवेदन लेने से इनकार व गाली-गलौज करने की शिकायत की।
एडीएम ने दिया आश्वासन।
जनसुनवाई के दौरान एसडीएम अखिर राठौर ने किसानों की बात गंभीरता से सुनते हुए तुरंत महाराजपुर एसडीएम तत्काल फोन लगाकर दोबारा सीमांकन व नपती करने को आदेसित किया तथा किसानों से फोन पर बात भी कराई, उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि उन्हें न्याय मिलेगा।
किसानों का आरोप है कि गांव का दशकों पुराना करीब 3 किलोमीटर लंबा सरकारी आम रास्ता, जिसे खेतों में जुताई-बुवाई, मवेशियों को चराने और आवाजाही के लिए उपयोग किया जाता था, तहसील प्रशासन और राजस्व अमले की मिलीभगत से बंद करवा दिया गया है।
तहसीलदार पर लगाया गंभीर आरोप।
किसानों का कहना है कि जब वे अपनी शिकायत लेकर महाराजपुर तहसीलदार अनिल तलैया के पास पहुंचे, तो उन्होंने आवेदन लेने से साफ मना कर दिया और अपशब्द कहे। इसके बाद मजबूर होकर किसानों ने कलेक्टर जनसुनवाई में अनोखे तरीके से पहुंचकर समस्या उठाई।
पटवारी पर हेराफेरी का आरोप।
पीड़ित किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि एक पटवारी ने नाप-जोख में गड़बड़ी और कागजातों में हेराफेरी करके आम रास्ते की जमीन को निजी बता दिया, जिसके बाद उक्त रास्ते को तारबंदी और लोहे के गेट लगाकर पूरी तरह बंद कर दिया गया।
क्या कहा अधिकारियों ने….
किसानों की जो भी जायज उचित मांग होगी उस पर कार्यवाही की जाएगी तथा आवेदन को तत्काल तहसीलदार को दोबारा सीमांकन और नामांकन की कार्रवाई के आदेश देंगे।
एसडीएम अखिल राठौर।
गांव के सचिव रामसिंह राजपूत, जिन पर रास्ते को तारबंदी कर कब्जा करने का आरोप है, ने कहा, “यह जमीन मेरी है, सीमांकन करवाकर ही तारबंदी की गई है। अगर नए सीमांकन में यह जमीन सरकारी निकली तो मैं गेट और तारबंदी हटा दूंगा।”












