Umaria News : जिला अधिवक्ता संघ के जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह की अगुवाई में आज प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सनत कुमार कश्यप को मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय जबलपुर के नाम ज्ञापन सौपा गया है.
पढ़िए क्या लिखा गया हैं ज्ञापन में
यहकि विगत वर्षों से विचारण न्यायालयों में 25 प्रकरणों का कोटा निर्धारित कर तीन माह के अंदर निराकरण किये जाने का आदेश / निर्देश होने से जिला / तहसील न्यायालयाँ में इस प्रकार के प्रकरणों के विचारण में भारी असमंजस्य की स्थिति निर्मित हो गई है। न्यायालय भारी दबाव के साथ अधिवक्ताओं को विवश कर सुनवाई के लिए मजबूर करती हैं जिससे कि अधिवक्ताओं पर अत्यधिक काम का दबाव हो जाता है, वकीलों के बिमार होने पर व पक्षकारों के अनुपस्थिति होने पर भी न्यायालय सहयोग नही करती है, 25 प्रकरणो का शीर्घ निराकरण किये जाने की बात कही जाती है, जिससे की अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों पर भारी दबाव बनता है, यह भी देखा गया है, कि 25 प्रकरणों के निराकरण के अनुक्रम में उपलब्ध साक्षियों को भी वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से साक्ष्य कराई जाती हैं, जिसमें कि साक्षियों की आवाज स्पष्ट नही होती है, एवं साक्षी प्रश्नों को भी नही समझते हैं, जिससे कि आये दिन न्यायालयों में विवाद कि स्थिति निर्मित हो जाती है, जो कि निष्पक्ष न्याय एवं पक्षकारों के हितों के संरक्षण के विरूद्ध हैं अधिवक्ता पक्षकार पीड़ा दायक स्थिति से गुजर रहे है, भविष्य में ऐसी स्थिति बनी रही तो कभी भी विस्फोटक स्थिति निर्मित हो जायेगी जिसकी जबाव देही तीन माह के अंदर 25 प्रकरणों का निराकरण किये जाने का दबाव का सिद्धांत होगा।अतः सादर विनय हैं कि उपरोक्त ज्ञापन के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अभिलंब 25 प्रकरणों के सीर्घ निराकरण किये जाने की आदेश / निर्देशों को समाप्त किये जाने की कृपा होवे।