उमरिया : जिले में आयोजित हुए 69वीं राष्ट्रीय शालेय फुटबॉल प्रतियोगिता का आज फाइनल मैच पंजाब और झारखंड की टीम के बीच खेला गया।दोनों टीम के बीच हुआ रोमांचक मैच पैनल्टी सूट आउट तक जा पहुँचा और जब दोनों टीम ने 5-5 गोल दाग लिए तो मैदान में रोमांच का परवान चढ़ गया।और सडन डेथ में गोल दागकर झारखंड ने यह खिताब अपने नाम कर लिया।
कोच ईमरान खान ने बताया आज सडन डेथ में हमारी टीम ने मैच जीता है।उन्होंने बताया कि यह संयोग हमारी टीम के साथ दोबारा हुआ है।इसके पहले कोल्हापुर में हमारे और महाराष्ट्र के बीच हुआ मैच हमारी टीम हार गई थी।टीम का एक-एक खिलाड़ी खूब रोया था,लेकिन आज की जीत में हमे रोमांचित कर दिया है।पैनल्टी सूट आउट में अंक बराबर होने के बाद जब सडन डेथ का दौर चालू हुआ तो टीम काफी प्रेसर में थी लेकिन अंततः जीत हमारी हुई।
वही टीम के कप्तान और गोल कीपर अजीत कुमार यादव ने कहा उमरिया आयोजित इस 69वीं राष्ट्रीय शालेय फुटबाल प्रतियोगिता में हमने कुल 7 मैच खेले है।और फाइनल मैच हमारा पंजाब की टीम के साथ हुआ है।पैनल्टी सूट आउट में जाने के बाद हमने सडन डेथ के माध्यम से मैच को जीता है।
वही राज्यमंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जयसवाल ने कहा कि 69वीं राष्ट्रीय शालेय फूटबाल प्रतियोगिता की मेजबानी करने का जो अवसर मध्यप्रदेश को मिला है,वही शहड़ोल संभाग के उमरिया को जो यह स्वर्णिम अवसर मिला है,यह काफी महत्वपूर्ण है।इसके लिए मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का आभार व्यक्त करता हूँ।साथ ही 6 दिन के इस कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर मैं कलेक्टर उमरिया सहित पूरी टीम को शुभकामनाएं देता हूँ।टीम झारखंड की जीत को लेकर राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि पूरी खेल भावना से यह फूटबाल मैच खेला गया है।झारखंड की टीम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।कोई भी टीम एक दूसरे से कम नही थी।भाग्य झारखंड की टीम के साथ मे था।इसलिए पैनल्टी सूट आऊट में झारखंड की टीम ने जीत हासिल की।
क्या होता पेनल्टी शूटआउट
फुटबॉल प्रतियोगिताओं में कई बार निर्धारित समय और एक्स्ट्रा टाइम तक मुकाबला बराबरी पर समाप्त हो जाता है, ऐसे में विजेता तय करने के लिए पेनल्टी शूटआउट की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसमें दोनों टीमों को पांच पांच पेनल्टी किक दी जाती हैं और खिलाड़ी बारी बारी से गोल करने का प्रयास करते हैं। इन पांच प्रयासों में जो टीम अधिक गोल कर पाती है वही सीधे तौर पर विजेता घोषित कर दी जाती है। लेकिन अक्सर रोमांच उस समय बढ़ जाता है जब पांचों किक के बाद भी दोनों टीमों का स्कोर बराबर रह जाता है। ऐसी स्थिति में मुकाबला सडन डेथ में प्रवेश करता है, जहां अब हर टीम को एक एक कर पेनल्टी मारने का मौका मिलता है और यह क्रम तब तक चलता रहता है जब तक किसी एक राउंड में एक टीम गोल कर दे और दूसरी टीम गोल करने से चूक जाए। जैसे ही यह फर्क दिखाई देता है, उसी क्षण मैच समाप्त कर विजेता टीम घोषित कर दी जाती है। यही वजह है कि पेनल्टी शूटआउट और खासकर सडन डेथ को फुटबॉल का सबसे रोमांचक और तनावपूर्ण पल माना जाता है।









