खुटार गोदाम से राइस मिल पहुंच रही धान की बोरियों में न तो शासन द्वारा निर्धारित टैग है,और न मशीन द्वारा सिले हुए बारदाने है।मिल संचालक की माने तो हाथ से सिले बारदने में रखी धान भी पूर्णतः गुणवत्ताहीन है।सवाल इस बात का है कि जिले में संचालित सभी खरीदी केंद्र में किसानों से खरीदी धान को नियमतः मशीन से सिलाई कर टैग लगाया गया था,तो आखिर बिना टैग की हाथ से सिली बोरियां कहा से आ गई,और ये कैसे राइस मिल पहुंच रही है।
सूत्रों की माने तो खुटार गोदाम से जय भोले राइस मिल,सिंह राइस मिल,उषा राइस मिल,राय राइस मिल एवम डीपीसीडी राइस मिल में करींब 15 हजार क्विन्टल धान पहुंची है,इन बोरियों में अधिकांश बोरी बिना टैग के हाथ की सिली हुई बताई जा रही है,इसके अलावा इन बारदानों में रखी धान भी अधिकांशतः गुणवत्ताहीन है।
दुखद पहलू यह है कि किसानों द्वारा रखी धान की विभागीय स्तर पर बराबर रख रखाव एवं उसकी प्रॉपर मानिटरिंग की जा रही है,बावजूद इसके राइस मिल में गुडवत्ता विहीन धान कैसे पहुंची।प्रदेश सरकार एक ओर करोड़ों रुपये लगाकर गरीबों को मुफ्त अनाज देने का प्रयास कर रही है,वही जिम्मेदार लापरवाही बरतते हुए उन गरीबों को मवेशियों को देने वाले अनाज से भी बदतर अनाज देने की जुगत लगा रहे है।ऐसे मामले में त्वरित जांच की आवश्यकता है,और जिम्मेदारों पर विधिसंगत कार्यवाही की दरकार है।
वही उक्त मामले में जब खुटार प्रबंधक से बात की गई तो उनका कहना है की बारदाने का साइज छोटा होने के कारण मशीन की जगह हाथ से सिलाई की गई है।