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फर्जी मस्टर रोल भरकर सचिव ने डकार ली लाखों की राशि

सिंगरौली जिले के देवसर ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत जोवा का मामला सामने आया जान कर हैंरानी होगी,आप सभी जानतें है सिंगरौली जिले में भ्रस्टाचार के मामले में लोकायुक्त की ताबड़तोड़ कार्यवाही की गई फिर भी असर कम होता दिखाई नहीं दे रहा, ऐसा ही जोवा पंचायत में भ्रस्टाचार अपने आप को पीछे नहीं मानता, हम बात करते मुद्दों पर जहां जोवा पंचायत इमली बाहरा तालाब का नव निर्माण जबसे हुआ तब से आज दिनांक तक इमली बाहरा तालाब में किसी भी प्रकार की कोई काम दोबारा नहीं कराया गया है।

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लेकिन इमली बाहरा तालाब के लिए 28/02/2022 को गहरीकरण के नाम पर 99645 रुपये राशि स्वीकृत हुई थी उक्त गहरीकरण कागजों में तैयार कर फर्जी मस्टर रोल के जरिए 49956 रुपये राशि गमन कर लिया गया ग्रामीणों की इसकी भनक तक नहीं लगा यह जानकर हैरान रह गए,संतोष सिंह,गुलाब सिंह,भारत सिंह गोड व बद्री सिंह गोड से जब तालाब की गहरीकरण के बारे में पूछा गया तो उन्होनें कहा कि तालाब जबसे बना है आज तक यह तालाब में दोबारा कोई काम शुरू नहीं हुआ और रही बात की हम लोगों को पता नहीं गहरीकरण का पैसा आया और निकल गया अगर ऐसा हुआ तो प्रशासन जांच कर सरपंच सचिव के ऊपर भ्रस्टाचार अधिनियम के प्रावधानों तहत उचित कार्य वाही किया जाय।

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मस्टर रोल में फर्जी नाम अंकित कर राशि किया गमन

गौरतलब है कि इमली बाहरा तालाब का मस्टरोल में जिनका नाम अंकित हैं जब उनसे इस विषय पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमको कोई जानकारी नहीं और न ही हम काम किए हैं फिर कैसे हमारे नाम पर फर्जी तरीके से पैसा निकल गया, पंचायत सचिव को लगता है खुली छूट मिल गई सरकारी पैसों की खजानत करने की, प्रशासन का डर नहीं गजब हो गया, होगा भी कैसे जानकारी लोगों को खाता नम्बर जो मस्टरोल में अंकित है सभी के नाम पर एक ही खाता नम्बर पर बैक क्रेडिट किया हैं ऐ गजब की कलाकारी है कम्प्यूटर का कमाल है नाम चाहे जितना हो एक खाते में सब राशि समा गया।

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तालाब गहरीकरण की खुली पोल

हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं इस तरह से पंचायत में बहुत सारे काम हुआ है जिनका जमीन स्तर पर पता नहीं और राशि का बंदर बाट हो गया, अब सवाल यह उठता है कि पंचायत एसडीओ व इन्जीनियर इस तरह के कार्यो का मूल्यांकन कैसे कर देते हैं या बगैर मूल्यांकन की राशि आहरित हो जाती है। य कही सांठगांठ तो नहीं..? जैसे शौचालय की बात हो, स्वच्छता गढ्ढा निर्माण कार्य की हो विभागीय उदासीनता का कारण है कि शासकीय राशि का मनचाहा दूर उपयोग किया जा रहा, सरकार एक तरफ जनता की सुविधाओ के मद्देनजर रखते हुए हर सुविधा उपलब्ध कराने में कोई कोताही नहीं कर रही किन्तु दुर्भाग्य कहे कि पंचायत के सचिव सही तरीके से जनता के हित में कार्य नहीं करना चाहते उनको सिर्फ लगता है अपना झोली कैसे भरें किसका नाम कहा डालूँ कहा से राशि निकालू दिन रात उसी में व्यस्त रहतें है,
ग्रामीणों ने तलाब गहरीकरण की बारीकी से जांच कर कार्यवाही करने की मांग किया।

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Artical by Aditya
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Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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