कटनी जिला के बरही नगर व ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आई हुई है। हर पांच किमी. की दूरी पर एक झोलाछाप डॉक्टर अपनी तामझाम के साथ क्लीनिक संचालित कर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, ऐसे कई मामले पूर्व में सामने आ चुके है, इतना ही नहीं शिकायत पर कोई कार्रवाई न होने से अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवार उठ रहे हैं। वही कुछ लोगों का कहना है कि डॉक्टर धरती पर भगवान का रूप होता है जो बीमार लोगों को ठीक कर उनको नई जिंदगी देता है। लेकिन शहर में झोलाछाप और फर्जी डॉक्टरो की जिंदगी देने के बजाए उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां झोलाछाप डॉक्टर शहर के हॉस्पिटल में कुछ समय कम्पाउंडरी की ट्रेनिंग लेने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में खुद की क्लीनिक खोल डॉक्टर बन गंभीर बीमारियों का इलाज करने लगते है, जबकि इनके पास न तो संबंधित योग्यता है और न ही उपचार संबंधी लाइसेंस।
मनमाना वसूलते हैं फीस
झोलाछाप बखूवी मेडिकल स्टोर्स व एमआर से कमीशन लेकर उनके मन मुताबिक दवाइयों को अपनी पर्चियों में लिखकर मरीजो को लेने के लिये कहकर उनकी सेहत से खिलवाड़ भी कर रहे है, जबकि जानकारों कि माने तो झोलाछाप को एलोपैथी दवाई लिखने का अधिकार ही नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारियों की चुप्पी अपने आप को रजिस्टर्ड चिकित्सक बताकर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले दिनों दिन बुलंद होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद है।
बड़ी घटना होने के बाद जागता है प्रशासन
शहर के चिकित्सा अधिकारी कोई बड़ी घटना होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं प्रशासन जब कोई बड़ी जनहानि हो जाती है उसके बाद वह कुंभकरणी नींद से जाग जाता है। ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने झोलाछाप डॉक्टरो की शिकायत अधिकारियों से न की गई हो, लेकिन दिखाबे की कार्रवाई कर मामले से इतिश्री कर ली जाती है। विगत दिनों नदावन के एक बंगाली डॉक्टर व झिरिया में बंगाली डॉक्टर पर प्राथमिकी दर्ज कर उनकी क्लीनिक सील की गई थी उसके दूसरे दिन ही वो क्लीनिक खुल गई और वैसे ही इलाज करने में जुट गए
इन गांव में झोलाछाप डॉक्टरो का डेरा
बरही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र के बुजबुजा बगैहा कुठिया मुहगवा जगुआ करेला खितौली में बंगाली झोलाछाप डॉक्टर अपना गढ़ सा बना लिए हैं घर घर जाकर दबाई करने के अलावा मरीजो को अपने क्लीनिक बुलवाकर दबा करते हैं कई मरीजो के साथ ऐसा भी होता है कि पैसा भर पूर लग जाता है लेकिन इनकी दवा मरीजो को लगती ही नही है अतिरिक्त पैसा लगाकर मरीजो को बेहतर डॉक्टर के पास जाना पड़ता है तब जाकर राहत मिलती है बरही में खुल्लम खुल्ला जानमाल के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं। स्थिति यह है कि न इनके पास कोई डिग्री है न इलाज करने का कोई लाइसेंस फिर भी चिकित्सा विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जिस कारण ये बेखौफ होकर अपने अवैध कारोबार पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में फैला रखा है कहीं ना कहीं इनके ऊपर कार्यवाही ना करना सवालों को जन्म देता है। आखिर क्या कारण है कि चिकित्सक विभाग इन डॉक्टरों पर कारवाई नहीं कर रहे हैं।
केस बिगड़ने तक करते है ईलाज
बरही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत आने वाले कुछ गांव के डॉक्टर लम्बे समय से सस्ती दवाई दिलाने के नाम पर गरीबों का इलाज कर रहे हैं कई बार तो मामला गंभीर हो जाता है। जिसमें मरीजों को गंभीर हालत शहर के हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है इसके बाद भी चिकित्सा विभाग की मिलीभगत के कारण उस पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। आखिर क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरो पर किसका हाथ रखा हुआ है जिसके चलते इन पर कोई कार्यवाही नही हो रही है स्वास्थ्य अमला क्यों चुप्पी साधे बैठा हुआ है
फर्जी दवाखाना से कमा रहे हैं महीने में लाखों
सूत्र बताते हैं कि इनमें से कुछ ऐसे बंगाली डॉक्टर हैं जो कई वर्षों से कटनी के बरही बड़वारा विजयराघवगढ़ क्षेत्र में में रह रहे हैं रहते रहते खुद का आलीशान मकान व 10,12 एकड़ जमीन खरीद चुके हैं और यही के वासी बन चुके हैं इनके द्वारा कहा भी जाता है कि कोई कुछ नही कर सकता हमारा हम यहां से डिग नही सकते हैं हमारे पास वो सिस्टम है हला कि इनका कहना भी सच साबित हो रहा है चुकी वास्तव में न कोई जांच व कार्यवाही हो पा रही है प्रशासन सिर्फ खितौली में एक क्षेत्रीय डॉक्टर पर कार्यवाही करने कि हिमाकत कर चुका है उसमें भी उस डॉक्टर को तुरन्त बाद कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई थी और डॉक्टर खुद जिम्मेदारो को ही कटघरे में खड़ा करवा दिया इस जांच व कार्यवाही के बाद एक डॉक्टर पर बड़ी कार्यवाही नही हो पाई
इस सम्बंध में सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कर स्वास्थ्य विभाग से जांच व कार्यवाही कि मांग की गई है जो शिकायत एल 2 , 3 तक पहुंच चुकी है लेकिन कोई जांच व कार्यवाही नही हो पाई बल्कि शिकायत कर्ता को यह निर्देशित किया गया है कि स्वास्थ्य विभाग बरही इनका नाम नही जानता है नाम जद आवेदन देने पर कार्यवाही होगी दरअसल स्वास्थ्य विभाग तो कहता है कि नाम पता नही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग से एक स्कार्पियो आय दिन राउंड मारती है जिसमे स्वास्थ्य विभाग के ही डॉक्टर बैठे रहते हैं और कई दफा इस फोर व्हीलर को इन्ही झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक के आस पास देखा गया है कहने को तो कहते हैं कि सीएम हेल्पलाइन में कोई असन्तुष्ट नही होता बकायदा निराकरण होता है लेकिन बरही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विभाग से शिकायत कर्ता को कुछ ऐसा निराकरण हाथ लगता है अब देखना यह बाकी होगा कि स्वास्थ्य अधिकारी अपने दल के साथ किन किन गांव में जाकर जांच कर प्रतिवेदन तैयार कर कार्यवाही करता है.
Article By Neeraj Tiwari