शिवराज सिंह की लाड़ली बहन को आरक्षक ने कहा मारेंगे जूता छीनाछपटी का सीसीटीवी फुटेज हुआ वायरल
चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने समान थाना गई एक 9 माह की प्रेगनेट महिला से पुलिस द्वारा किया गया व्योहार एक बार फिर खाकी पर सवाल खड़े कर दिए है। पुलिस द्वारा महिला के साथ की गई अभद्रता का एक विडिओ भी बना है जो स्वयं पीड़ित महिला ने बनाया है जिसमे देखा जा सकता है ही महिला अपने हक के लिए पुलिस वालो से लड़ रहीं है तो वही पुलिस वाले वर्दी का रौब दिखा कर महिला को डरा रहे है।
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रीवा के समान थाना अंतर्गत जनता कालेज के पास रहने वाली महिला साधना तिवारी ने बताया की 26 जूलाई को उनके पति नए बस स्टैंड गए थे जहा से उनकी बाईक चोरी हो गई, जिसकी सुचना थाने को दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई,आज करीब दो बजे अनजान नम्बर से फोन के माध्यम से सुचना मिली की बाईक सिरमौर चौराहा स्थिति रामगोविन्द में खड़ी है, इस बात की सुचना फौरन थाने पहुंचकर दी और पुलिस वालो को साथ चलने को कहा तो उन्होंने मना करते हुए कहा खुद चली जाओ, थाने में उस वक्त न थाना प्रभारी थे न मुंशी बताया गया वो शाम को 5 बजे तक मिलेंगे, शाम को थाने पहुंचने पर पुलिस वाले एफ.आई.आर. नही लिख रहें वर्दी का रौब दिखाते हुए आरक्षक और मुंशी बदसलूकी कर रहें कहते है तेरे पति को जेल में डाल देंगे,आरक्षक अभय यादव ने गर्भवती महिला को जूता मारने को कहता है, हाथ मरोड़ कर धक्का देते हुए बोला की जाओ तुम्हारी एफ.आई.आर. नही लिखेंगे जो करना है कर लो, आपको बता दे की महिला 9 माह की प्रेगनेंट है ऐसे हालातो में सरकार भी उन्हें 6 माह की छुट्टी देकर आराम करने को कहती है। स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कहते है की महिलाओ पर अत्याचार करने वालो पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करो उसके बावजूद भी महिलाओ को लेकर पुलिस कितनी संवेदनशील है यह देखा जा सकता है की एक महिला जो प्रेग्नेट है उसके साथ कैसा व्यौहार किया जा रहा है ।
वही इस पुरे मामले को लेकर समान थाना प्रभारी ने अपने स्टाफ की गलतियों को छुपाते हुए कहा की महिला के पति द्वारा अपने किसी साले को मोटर साइकल दि गई थी। लेकिन साले ने मोटर साइकल नही लौटाई और उसका फोन बंद था जिसके बाद यह थाने शिकायत लेकर आए थे लेकिन एफ.आई.आर. करवाने से मना कर दिया था, आज विडिओ बनाने को लेकर स्टाफ के साथ कुछ कहा सुनी हुई है ये जांच का विषय है,जांच होने के बाद जैसे तथ्य सामने आयेंगे कार्यवाही की जायेगी।
प्रदेश का ये कोई पहला मामला नहीं है जहा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे है। एक तरफ प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान अपनी लाडली बहना कहते है और दूसरी तरफ उन्ही के पुलिस कर्मचारी उनकी गर्भवती बहना को जूते से मरने की बात कहते है और रीवा के पुलिस अधिकारी मामले को दबाने में लग जाते है। आम जनता के साथ पुलिस प्रशासन की अभद्रता बढ़ती ही जा रही है। अब देखना ये है कि शिवराज सरकार इस मामले में पुलिस कर्मचारीयो को क्या सबक सिखाते है।
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